सीरीज हार के बाद गंभीर की कोचिंग पर चर्चा तेज:शास्त्री बोले-जिम्मेदारी सिर्फ कोच की नहीं; चार साल पहले गंभीर ने सवाल उठाए थे

भारतीय क्रिकेट टीम के लगातार दो घरेलू टेस्ट सीरीज क्लीन स्वीप हारने के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर पर सवाल उठ रहे हैं। टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीतकर अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन रेड-बॉल क्रिकेट में प्रदर्शन गिरा है। इसी मुद्दे पर पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा कि हार की जिम्मेदारी सिर्फ कोच पर डालना उचित नहीं है, खिलाड़ियों को भी आगे आना होगा। शास्त्री बोल‘सिर्फ एक इंसान को निशाना बनाना गलत’
एक अखबार के यूट्यूब पॉडकास्ट में शास्त्री ने कहा,’जब नतीजे खराब आते हैं, तो खिलाड़ियों को भी आगे आकर जवाब देना चाहिए। सिर्फ कोच को निशाना बनाना गलत है। मेरे समय में भी ऐसा हुआ है,इसलिए अनुभव से कह रहा हूं। खिलाड़ियों को हार का दर्द महसूस होना चाहिए, तभी बदलाव आएगा। हर मैच जीतना जरूरी है, नहीं जीतेंगे तो सवाल उठेंगे।’
उन्होंने कहा कि क्रिकेट 90% दिमाग का खेल है और टीम को मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए। कोचिंग में रणनीति के साथ धैर्य और संवाद भी जरूरी
शास्त्री ने आगे कहा कि कोचिंग सिर्फ रणनीति तक सीमित नहीं होती। कोचिंग में धैर्य, संवाद और मैन-मैनेजमेंट सबसे महत्वपूर्ण हैं। खिलाड़ियों से सही तरीके से बात करना आता हो,तभी आप उन्हें प्रेरित कर सकते हैं। मुख्य कोच पर दबाव हमेशा रहेगा, इसलिए संतुलन जरूरी है।
उन्होंने यह भी कहा कि टीम की हार हमेशा सामूहिक होती है। टीम मैनेजमेंट से लेकर खिलाड़ियों तक, सभी जिम्मेदार होते हैं। गंभीर- शास्त्री के बीच पुराना विवाद भी चर्चा में
गौतम गंभीर पहले भी कई मौकों पर शास्त्री की आलोचना कर चुके हैं। 2021 में एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में गंभीर ने शास्त्री के उस बयान पर नाराजगी जताई थी, जिसमें उन्होंने विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम को ‘दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम’ कहा था। शास्त्री ने 1983 विश्व कप की जीत की तुलना ऑस्ट्रेलिया में हुई टेस्ट सीरीज जीत से की थी, जिस पर गंभीर ने सवाल उठाए थे। ______________ स्पोर्ट्स की यह खबर भी पढ़ें… ISSF वर्ल्ड कप फाइनल में भारत को तीन मेडल:सिमरनप्रीत कौर ने 25 मीटर पिस्टल में गोल्ड जीता; ऐश्वर्य तोमर को सिल्वर दोहा में चल रहे ISSF वर्ल्ड कप फाइनल 2025 में भारत की युवा शूटर सिमरनप्रीत कौर ने 25 मीटर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा। रविवार को हुए फाइनल में उन्होंने 41/50 स्कोर करते हुए जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की। पूरी खबर

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