अमृतसर | एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से सजा पूरी कर चुके होने के बावजूद जेल में नजरबंद कैदियों को रिहा करने के दिए निर्देश का स्वागत करते हुए बंदी सिखों की रिहाई की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से सजा पूरी कर चुके कैदियों को रिहा करने के आदेश मानवाधिकारों की तर्जमानी है। उन्होंने केंद्र सरकार एवं संबंधित राज्य सरकारों से अपील की है कि बंदी सिखों को तुरंत रिहा किया जाए। उन्होंने बताया कि भाई गुरदीप सिंह, बलवंत सिंह राजोआना, जगतार सिंह हवारा, प्रोफेसर दविंदर पाल सिंह भुल्लर पिछले 30-30 साल से ज्यादा समय से सजा पूरी होने के बावजूद जेल में नजरबंद है, लेकिन सरकारी नीतियों के कारण उन्हें अभी तक रिहाई नहीं मिल पाई है।