सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन माफी पर विजय शाह को फटकारा:कहा- सार्वजनिक माफी कहां है? हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे; SIT 13 को जवाब देगी

ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग करने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी को लेकर भाजपा मंत्री विजय शाह की ऑनलाइन माफी पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में साेमवार को जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने शाह के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने शाह द्वारा सार्वजनिक रूप से मांगी गई माफी को निष्ठाहीन बताते हुए खारिज कर दिया। यह देखते हुए कि अपने माफीनामे वाले वीडियो में शाह ने जनभावनाओं को ठेस पहुंचाने की बात स्वीकार नहीं की। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा– वह आत्मचिंतन करें कि अपनी सजा कैसे चुकाएं। आपकी वह सार्वजनिक माफी कहां है? हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। पढ़िए कोर्ट के अंदर किसने क्या कहा…? वरिष्ठ अधिवक्ता के. परमेश्वर (मंत्री शाह की ओर से): पिछले आदेश के अनुसार, मेरा बयान दर्ज किया गया। मैंने सहयोग किया है।
जस्टिस सूर्यकांत: आज एक रिट याचिका भी है (डॉ. जया ठाकुर की)। आपका क्या मतलब है कि आपका बयान दर्ज हो गया है? पिछली तारीख पर आपने क्या बयान दिया था?
के. परमेश्वर: माफी के बारे में। जस्टिस सूर्यकांत: आपकी वह सार्वजनिक माफी कहां है? हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है। जांच के नाम पर क्या किया गया?
के. परमेश्वर माफी ऑनलाइन है। सोमवार को रिकॉर्ड में दर्ज करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत: इससे उनके इरादे जाहिर होते हैं। इससे हमें उनकी ईमानदारी पर और शक होता है। उनका बयान दर्ज करने की क्या जरूरत है? जिन लोगों को प्रताड़ित किया गया है, उनके बयान दर्ज होने चाहिए थे।
जस्टिस सूर्यकांत: आप हमें अपने परिणाम से कितनी जल्दी अवगत करा पाएंगे? (जस्टिस कांत ने एक एसआईटी सदस्य से बातचीत की)
एसआईटी: 13 अगस्त तक। जस्टिस सूर्यकांत: (डॉ. जया ठाकुर की याचिका पर) इस तरह की याचिकाएं दायर न करें।
ठाकुर के वरिष्ठ वकील: हमें स्वतंत्रता दी गई थी। जस्टिस सूर्यकांत: हम इस पर विचार करने से इनकार करते हैं। याचिकाकर्ता को उचित मंच पर जाने की स्वतंत्रता दी गई है।
आपको पता है कि आपके पास क्या उपाय है। हालांकि, याचिका में इस सज्जन (शाह) के बारे में कुछ उदाहरण दिए गए हैं। एसआईटी को इन पर गौर करना चाहिए और एक विस्तृत रिपोर्ट देनी चाहिए। कांग्रेस नेत्री जया ठाकुर की याचिका पर सुनवाई से इनकार
इस मामले में मंत्री विजय शाह को पद से हटाने की मांग को लेकर कांग्रेस की नेता जया ठाकुर की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। याचिका 23 जुलाई दाखिल की गई थी। कोर्ट ने कहा कि इस याचिका में जो तथ्य विजय शाह को लेकर दिए गए हैं, एसआईटी उन बिंदुओं पर भी जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट में देगी। पढ़िए, मंत्री विजय शाह ने आखिर कहा क्या था…? मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था, ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।’ शाह ने आगे कहा- ‘अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा, कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं।’ बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन और अन्य जानकारियां दे रहे थे। इस बयान पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए शाह के खिलाफ मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे तो सुप्रीम कोर्ट ने भी 19 मई को सुनवाई करते हुए शाह को फटकार लगाई थी। साथ ही SIT को जांच के निर्देश दिए थे। 20 मई से जांच शुरू की, 125 लोगों के बयान लिए
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 19 मई की शाम को ही तीन सदस्यीय SIT का गठन किया गया था। जिसमें सागर रेंज के तत्कालीन IG प्रमोद वर्मा के साथ तत्कालीन SAF DIG कल्याण चक्रवर्ती और डिंडोरी SP वाहिनी सिंह को शामिल किया है। प्रमोद वर्मा अब जबलपुर रेंज के IG हैं। वहीं, कल्याण चक्रवर्ती अब छिंदवाड़ा रेंज के DIG हैं। SIT ने विजय शाह केस की 20 मई को जांच शुरू की। इंदौर के बाणगंगा थाना क्षेत्र के सरकारी रेस्ट हाऊस को बेस कैम्प बनाया। 21 मई को टीम महू के रायकुंडा गांव भी पहुंची थी। इसी गांव में हलमा के एक कार्यक्रम में विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था। इस दौरान मंच पर विधायक समेत BJP के कई नेता मौजूद थे। 22 मई को SIT ने बेस कैंप में बयान दर्ज करना शुरू किए। कार्यक्रम में शामिल 125 से ज्यादा लोगों को बुलाया। ये सिलसिला 5 दिन तक चला। इसमें वीडियो बनाने वाले पत्रकार से लेकर पूर्व मंत्री और स्टूडेंट से लेकर कुलपति तक के बयान दर्ज किए गए। स्टूडेंट्स, NCC कैडेट्स और वॉलंटियर्स के भी बयान SIT ने मंत्री विजय शाह के भाषण के समय मंच पर मौजूद महू की वर्तमान विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री ऊषा ठाकुर के बयान भी दर्ज किए। उनके अलावा डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विवि के कुलपति, जनपद पंचायत अध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजक दीपमाला रावत के भी बयान दर्ज किए गए। कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में कॉलेज के स्टूडेंट्स, एनसीसी कैडेट्स और सामाजिक संस्थाओं के वॉलंटियर्स भी पहुंचे थे। SIT के तीनों सदस्यों ने इनके बयान भी दर्ज किए। बयानों को दर्ज करने के लिए इंदौर पुलिस की मदद ली गई। बयानों की पूरी रिकॉर्डिंग की गई और इनके दस्तावेज तैयार किए गए। इन्हीं दस्तावेजों को 28 मई को कोर्ट के सामने पेश किया गया। ये खबर भी पढ़ें…
MP के मंत्री का कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक बयान
मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह ने भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान दिया है। उन्होंने कहा- जिन लोगों ने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था, मोदी जी ने उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी करा दी।​​​​​​ पढ़ें पूरी खबर… जहां वीडियो जांच सुविधा नहीं, वहां भेजा शाह का बयान
मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह के केस में SIT ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया कि विवादित बयान का वीडियो MP की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन तकनीकी कारणों से जांच नहीं हो पाई। पढ़ें पूरी खबर…

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