सुप्रीम कोर्ट में हुई किसान आंदोलन पर सुनवाई:केंद्र और किसानों के बीच दो बैठकें हुईं, तीसरी बैठक 19 को; डल्लेवाल की तबीयत नाजुक

पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन 2.0 को शुरू हुए एक साल से ज्यादा हो गया है। वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन का आज 95वें दिन पूरा हो गया है।। हालांकि, चार दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही है। दूसरी ओर, आज किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। इस मौके पर सरकारी वकीलों ने शीर्ष अदालत को बताया कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच 14 और 22 फरवरी को दो बैठकें हो चुकी हैं, जबकि अगली बैठक 19 मार्च को होनी है। बैठक में राज्य सरकार के दो मंत्री भी शामिल हुए हैं। ऐसे में अगली तारीख इस बात को ध्यान में रखते हुए दी जानी चाहिए। कोर्ट ने हाई पावर कमेटी के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि कमेटी के सदस्यों को कुछ नहीं दिया जा रहा है। कमेटी में एक पूर्णकालिक सदस्य है, उसे भी कुछ नहीं मिल रहा है। कोर्ट ने पूछा कि कमेटी की कितनी बैठकें हो चुकी हैं। वकीलों ने कहा कि इस साइट पर दो बार बैठक हो चुकी है। इसी तरह चेयरमैन को प्रति बैठक 2 लाख रुपए दिए जा सकते हैं। अन्य सदस्य जो कोई पैसा नहीं ले रहे हैं, उन्हें 1 लाख रुपए मानदेय दिया जा सकता है। एकता बैठक बेनतीजा रही संयुक्त किसान मोर्चा के एसकेएम नेताओं की शंभू और खनौरी मोर्चा के नेताओं के साथ एकजुटता के लिए छह घंटे चली बैठक बेनतीजा रही। बैठक के बाद एसकेएम नेताओं ने कहा कि बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, बैठक में जो भी बातें, तथ्य और आपत्तियां सामने आई हैं, उन पर चर्चा की गई। अब तीनों मोर्चे अपने-अपने संगठनों में उन पर चर्चा करेंगे। इसके बाद बैठक की अगली तारीख तय की जाएगी और एकता की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। हालांकि बैठक की तारीख तय नहीं हुई है। एसकेएम के वरिष्ठ किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा कि आज एकता को लेकर लंबी चर्चा हुई। पूर्ण एकता को लेकर अभी भी कई बातें हैं, जिन पर अभी चर्चा होनी बाकी है। न्यूनतम साझा एकता संभव है। हम उस दिशा में प्रयास करेंगे। फिर बड़ी एकता की ओर बढ़ेंगे। 19 मार्च को केंद्र सरकार के साथ बैठक किसानों और केंद्र सरकार के बीच 7वें दौर की बैठक 19 मार्च को चंडीगढ़ में होगी। 22 फरवरी को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बैठक हुई थी। यह बैठक काफी अच्छे माहौल में हुई थी। इस दौरान किसानों की ओर से केंद्र सरकार के सामने एमएसपी की मांग को मजबूत करने वाले तथ्य और आंकड़े पेश किए गए थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने किसानों से कहा था कि वे वे आंकड़े उन्हें सौंप दें, ताकि उनके विशेषज्ञों से राय लेकर बातचीत को आगे बढ़ाया जा सके।

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