ये है रांची स्मार्ट सिटी में बना क्लीन ग्राउंड वाटर रिजर्वायर। 9 मिलियन लीटर क्षमता का वाटर रिजरवायर पिछले दो साल से बन कर तैयार है। स्मार्ट सिटी में इंट्रीग्रेटेड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत करीब 500 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। यह प्रोजेक्ट भी इसी का हिस्सा है। बनने के बाद से रिजरवायर की टेस्टिंग भी नहीं हुई है। डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में टेस्टिंग के बाद ही पता चलेगा कि स्मार्ट सिटी के हरेक प्लॉट पर पानी मिलेगा या नहीं। टेस्टिंग नहीं होने से यह भी पता नहीं चला कि स्मार्ट सिटी परिसर में बिछाई गई जलापूर्ति पाइपलाइन सही है या कहीं गड़बड़ी है। टेस्टिंग नहीं होने की वजह से स्मार्ट सिटी में रह रहे मंत्रियों के बंगले में भी ग्राउंड वाटर की आपूर्ति हो रही है। दूसरी ओर यह रांची का पहला रिजरवायर है, जिसकी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया है। नगर विकास विभाग की एजेंसी जुडको ने रिजरवायर का निर्माण कराया है। लेकिन इसके चारों ओर बाउंड्री नहीं कराई गई। एक ओर अवैध बस्तियां बसी हुई है। वहां से बस्ती के लोग रिजरवायर के आसपास आसानी से आते-जाते हैं। ऐसे में रिजरवायर से जलापूर्ति शुरू होने के बाद किसी ने पानी में कुछ मिला दिया, किसी जीव को मार कर फेंक दिया, तो बड़ी घटना हो सकती है। ककुछ वर्ष पहले हरमू वाटर रिजरवायर में एक व्यक्ति को मार कर फेंक दिया गया था। पानी में शव सड़ गया। लेकिन उसी पानी की आपूर्ति सभी घरों में कर दी गई थी। पानी से बदबू आने के बाद इसका खुलासा हुआ था।