छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में जमीन विवाद को लेकर पत्नी और बहन-बहनोई ने ग्रामीण के गले पर एसिड डाल दिया। उसे करीब 10 दिनों तक बंधक बनाए रखा और मारपीट की। पीड़ित के हाथ-पैर में गंभीर चोटें आई हैं। पीड़ित ने बताया कि उसे जिंदा रखने के लिए रोज इंजेक्शन दिया जाता था। पीड़ित की दूसरी पत्नी ने सहयोगियों के माध्यम से उसे हॉस्पिटल पहुंचाया। ग्रामीण की हालत गंभीर है। जानकारी के मुताबिक, जयनगर थाना क्षेत्र के ग्राम कमलपुर निवासी शंखलाल अगरिया के पिता की मौत हो गई थी। पिता के अंतिम संस्कार के बाद 01 दिसंबर को उसकी दो बहनों, बहनोई और पहली पत्नी ने शंखलाल से विवाद किया। आरोप है कि सभी ने शंखलाल की बेदम पिटाई की और उसे कमरे में बंद कर दिया। रात 12 बजे तक उन्होंने शंखलाल के साथ मारपीट की और उसके गले में एसिड डाल दिया। एसिड से शंखलाल का गला जल गया। जमीनों को लेकर विवाद में एसिड अटैक शंखलाल ने बताया कि उसने पिता के दशगात्र और तेरहवीं के लिए संयुक्त खाते की जमीन का छोटा हिस्सा 25 हजार रुपए में गिरवी रख दिया था। चूंकि जमीन में दोनों बहनों का भी हिस्सा है, इसलिए बहन-बहनोई के साथ ही शंखलाल की पहली पत्नी ने विवाद किया और एसिड डालकर जला दिया। शंखलाल ने बताया कि उसे 1 दिसंबर से 11 दिसंबर तक बंधक बनाकर रखा गया। उसे जिंदा रखने के लिए रोज एक इंजेक्शन लगाते थे। मारपीट में गंभीर रूप से घायल शंखलाल चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गया है। दूसरी पत्नी ने बचाकर पहुंचाया अस्पताल शंखलाल ने किसी तरह अपनी दूसरी पत्नी मीना को फोन किया। स्वयं को बंधक बनाकर रखने की जानकारी देकर बचाने की गुहार लगाई। मीना ने अपने परिचितों को भेजकर शंखलाल को मुक्त करा विश्रामपुर हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां से रेफर किए जाने पर उसे जिला अस्पताल सूरजपुर में दाखिल किया गया है। मीना ने कहा कि शंखलाल की पहली पत्नी करीब डेढ़ साल से घर नहीं आई थी। वह ससुर की मौत के बाद जमीन की लालच में ससुराल आई है। शंखलाल पर हमला करने वालों में वह शामिल थी। पीड़ित की हालत खतरे से बाहर जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. हर्षवर्धन शर्मा ने बताया के शंखलाल को रेफर कर जिला अस्पताल में दाखिल किया गया है। उसके हाथों और पैरों में सूजन है। एक्स-रे कराया जा रहा है। गले के पास की चमड़ी जली हुई है, जो संभवतः एसिड से जलाया गया है। इंजेक्शन देने के संबंध में जांच के बाद स्पष्ट कह पाएंगे।


