भास्कर न्यूज | अमृतसर सिविल अस्पताल में जरूरत से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती और ग्रामीण इलाकों में कमी का मुद्दा दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। अब सेहत विभाग ने पूरे पंजाब में डॉक्टरों की तैनाती का असंतुलन ठीक करने के लिए रिपोर्ट मंगवा ली है। सभी सिविल सर्जनों को आदेश दिया गया है कि सभी अस्पतालों में अतिरिक्त पोस्ट पर हुई तैनाती के अलावा खाली पड़े पदों की सूची जल्द मुहैया कराएं। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ने 17 सितंबर को “सिविल अस्पताल में पोस्ट से ज्यादा सर्जन तो गांवों में टोटा’ शीर्षक से न्यूज प्रकाशित की थी। सिविल अस्पताल अमृतसर में जहां जरूरत से ज्यादा जनरल और आर्थो सर्जन तैनात हैं, वहीं पैरा मेडिकल स्टाफ और ग्रामीण इलाकों के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी बनी हुई है। सिविल अस्पताल में 9 जनरल सर्जन और 5 आर्थोपेडिक (हड्डी रोग विशेषज्ञ) डॉक्टर तैनात हैं। जबकि जनरल सर्जन की अस्पताल में कुल 5 पोस्ट हैं। 9 सर्जन में से 4 मेडिकल कॉलेज से एमएस (मेडिकल सर्जरी) करने के बाद 2 साल के बॉन्ड पर सिविल अस्पताल में तैनात किए गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब सिविल अस्पताल अमृतसर में जनरल सर्जन की पोस्ट ही 5 हैं तो अतिरिक्त 4 यहां पर तैनात ही क्यों किए गए। इतना ही नहीं, हाल ही में भर्ती किए गए 9 नए डॉक्टरों को भी यहीं भेजा गया है। इससे स्पष्ट है कि इस अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती जरूरत से कहीं ज्यादा हो चुकी है। इतना ही नहीं, मानांवाला और बाबा बकाला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की पोस्ट लंबे समय से खाली पड़ी हुई है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. स्वर्णजीत धवन का कहना है कि रिव्यू कराया गया और जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है वहां तैनाती के लिए विभाग को पत्र लिखा गया। सूत्रों की मानें तो सिविल सर्जन डॉ. धवन की ओर से रिव्यू रिपोर्ट भेजे जाने पर चंडीगढ़ से विभाग के अधिकारी की ओर से सभी जिलों के सिविल सर्जनों से पोस्ट से ज्यादा डॉक्टरों की तैनाती के अलावा खाली पड़े पदों की जानकारी मंगवाई गई है। भास्कर न्यूज | अमृतसर धान कटाई के बाद पराली जलाने के मामले सामने आने लगे हैं। 8 दिन में बाढ़ प्रभावित अजनाला को छोड़कर 5 तहसीलों में सेटेलाइट से पराली जलाने के 38 केस रिपोर्ट हुए मगर विजिट करने पर 18 जगह आग मिली। जो कि बीते साल से 2 कम हैं। वहीं 3 किसानों के खिलाफ बीएनएस की धारा-233 के तहत केस दर्ज हुआ है जिसमें तहसील वन से 1 तो तहसील टू से 2 शामिल हैं। बता दें कि बीते साल सेटेलाइट ने 15 से 23 सितंबर तक 45 आगजनी की सूचना दी थी। इस बार 38 जगह पर आग लगने की सूचना मिली। प्रशासन की टीमों ने निर्धारित 48 घंटे में सभी आगजनी वाली जगह पर विजिट किया। इस बार प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए 14 किसानों की गिरदावरी में रेड एंट्री दर्ज की है, जबकि 90 हजार जुर्माना लगाते हुए 55 हजार की रिकवरी भी की जा चुकी है। जबकि बीते साल 20 किसानों पर 52,500 रुपए जुर्माना लगाते हुए 32,500 रुपए की रिकवरी की थी। बता दें बीते साल अजनाला में एक केस सामने आया था। 17 सितंबर को प्रकाशित न्यूज।