कोंडागांव जिले के फरसगांव ब्लॉक में मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना की पोल खुल गई है। हाल ही में मरम्मत किए गए स्कूल भवन की छत हवा के एक झोंके से उड़ गई। यह मरम्मत कार्य 2024 में पूरा किया गया था। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इस योजना के तहत जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कई सरकारी स्कूलों में सिर्फ रंगाई-पुताई की गई। कुछ स्कूलों में आधा-अधूरा काम करके ठेकेदार फरार हो गए। स्कूलों में छत का प्लास्टर गिरने, पानी रिसने और टूटे खिड़की-दरवाजों की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। आरईएस के ठेकेदार गुप्ता ट्रेडर्स ने अपनी गलती छिपाने के लिए इसे प्राकृतिक आपदा बताया। घटिया निर्माण कार्य से बच्चों का भविष्य दांव पर ग्रामीणों का आरोप है कि टीन शेड को ठीक से नहीं लगाया गया। न तो हुक अच्छी तरह फंसाए गए और न ही पाइप को दीवार में सही तरीके से जड़ा गया। टीन शेड को ईंटों से भी नहीं दबाया गया। स्कूल की छुट्टी और रात का समय होने के कारण कोई हताहत नहीं हुआ। यह घटना स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से किए गए घटिया निर्माण कार्य से बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।