स्थायित्व लाएंगे चिकित्सा विकास कार्य: मंत्री जायसवाल

भास्कर न्यूज | चिरमिरी स्वास्थ्य व्यवस्था के क्षेत्र में चिरमिरी एक नए युग की ओर अग्रसर हो चुका है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सोमवार को 16 करोड़ 18 लाख के चिकित्सीय आवासीय भवन, ट्रांजिट हॉस्टल व अन्य कार्यों का भूमिपूजन किया| कार्यक्रम छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत पूजा-अर्चना और धरती पूजन के साथ हुई। इस दौरान अति विशिष्ट अतिथि महापौर रामनरेश राय, मनोज डे, नरेंद्र साहू, प्रदीप सलूजा, पार्षद मनीष खटीक व नीलम सलूजा रहे। मंत्री जायसवाल ने कहा कि चिरमिरी जैसे अर्ध-शहरी और दूरस्थ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने डॉक्टरों को स्थायित्व देना जरूरी है। चिरमिरी में डॉक्टरों की कमी का मुख्य कारण आवास की अनुपलब्धता रहा है। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यहां 36 डॉक्टरों के लिए प्रोफेसर कॉलोनी स्थान पर आवास निर्माण और ट्रांसिट हॉस्टल की योजना को मूर्तरूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के बस्तर और सरगुजा जैसे आदिवासी अंचलों में भी यही स्थिति है, जहां डॉक्टर आवासीय सुविधा, बच्चों की शिक्षा और अन्य बुनियादी संसाधनों की कमी के कारण जाने से हिचकते हैं। जिला चिकित्सा अधिकारी अविनाश खरे ने बताया कि दो माह पहले स्वास्थ्य विभाग को करोड़ों की सौगात मिली। दो माह बाद 14 करोड़ का आवासीय परिसर के साथ चिकित्सा विभाग स्वास्थ्य सुविधाओं प्रदान करने में अग्रसर है। वार्ड क्रमांक 29 की पार्षद नीलम सलूजा और वार्ड क्रमांक 28 के पार्षद मनीष खटीक ने इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए युग का शुभारंभ बताया। महापौर रामनरेश राय ने कहा स्वास्थ्य मंत्री की सोच का ही परिणाम है कि चिरमिरी में इतने व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा विस्तार हो रहा है। ऐसे कार्य से चिरमिरी स्थायित्व को आगे लेकर जाएगा।कार्यक्रम का संचालन भाजपा मंडल के महामंत्री रीत जैन ने किया। स्वास्थ्य सेवाएं प्रगति पर जायसवाल ने कहा कि अकेले चिरमिरी में ही 100 करोड़ से ज्यादा का निर्माण कार्य और अन्य आवश्यक उपकरणों के लिए खर्च किए जा रहे है। इनमें ट्रामा सेंटर, लैब, बाउंड्रीवॉल, सीटी स्कैन मशीन, सोनोग्राफी मशीन और अन्य सेवाएं शामिल हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में जहां इस अस्पताल में सिर्फ चार डॉक्टर थे, वहां अब 26 डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें 8 विशेषज्ञ हैं। पहले रजिस्ट्रेशन का कार्य एक कर्मचारी निपटा लेता था, अब 5 कर्मचारी बड़ी संख्या में पहुंच रहे मरीज का पंजीयन करने में व्यस्त हैं।

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