स्नातक का सेशन लगभग 1 साल लेट, छात्रों के करियर पर पड़ रहा असर

समय पर परीक्षा नहीं होने और रिजल्ट नहीं मिलने के लिए सीधे तौर परीक्षा नियंत्रक जिम्मेवार हैं। इसके लिए और कई कारक है। यूजी-पीजी फर्स्ट सेमेस्टर का एडमिशन नवंबर- दिसंबर तक चलते रहते हैं। इस कारण फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा का आयोजन विलंब से होता है। एडमिशन लंबे समय तक चलने के लिए सीधे तौर पर डीएसडब्ल्यू जिम्मेवार हैं। रांची राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने राज्य के विश्वविद्यालयों को परीक्षा समाप्त होने के एक माह के भीतर रिजल्ट जारी करने के आदेश दिए हैं। लेकिन हकीकत इससे उलट है। रांची यूनिवर्सिटी समेत अधिकांश विश्वविद्यालयों में दो महीने या इससे भी अधिक समय बाद परीक्षा के परिणाम घोषित किए जा रहे हैं। एक ओर निर्धारित समय पर परीक्षा आयोजित करने में यूनिवर्सिटी प्रशासन विफल है। वहीं दूसरी ओर समय पर परीक्षा आयोजित होने के बाद रिजल्ट जारी करने में काफी समय लग जाता है। रांची यूनिवर्सिटी में चार साल पहले वर्ष 2021 में सेशन लगभग नियमित हो गया था। लेकिन इसके बाद हर साल धीरे-धीरे सेशन लेट होता चला गया। पीजी फोर्थ सेमेस्टर यानि फाइनल की परीक्षा अभी तक आयोजित नहीं की गई है, जबकि इसका रिजल्ट दो माह पहले जून में ही घोषित हो जाना चाहिए था। इसी प्रकार स्नातक का सेशन (2022-25) लगभग 1 वर्ष देर चल रहा है। इस बैच के फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा अभी तक नहीं ली गई है। सेशन यदि नियमित रहता तो फाइनल सेमेस्टर का रिजल्ट 15 जून तक घोषित हो जाना चाहिए था।

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