स्पीकर का चुनाव:रबींद्रनाथ महतो के निर्विरोध निर्वाचन पर सत्ता व विपक्ष के नेताओं ने व्यक्त किए अपने-अपने विचार

रबींद्रनाथ महतो के निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने पर सदन में अलग-अलग दलों के नेताओं ने अपने विचार और उद्गार व्यक्त किए। सत्ता पक्ष के विधायकों ने जहां पूर्व के अनुभवों को रेखांकित करते हुए रबींद्रनाथ महतो से सदन में उच्च कोटि का मानदंड स्थापित करते हुए राज्य को विकास की राह पर आगे ले जाने का सुझाव दिया, वहीं विपक्ष ने सदन में सबको समान अवसर देने और सदस्यों की आवाज सुने जाने का सुझाव दिया। नए सदस्यों ने ज्यादा से ज्यादा बोलने का अवसर देने और उनकी बात को गंभीरता से लेने का आग्रह किया। राधाकृष्ण किशोर बोले- संसदीय राजनीति में शुचिता होनी चाहिए संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि भले वह पहले सदन के सदस्य नहीं थे लेकिन मीडिया के माध्यम से रबींद्र नाथ महतो की सदन के संचालन में सहनशीलता, संवेदनशीलता और भूमिका को देखा है। हमारे पास खान,खनिज, मजदूर और बुद्धिजीवी, सभी हैं। अब हमें राज्य को विकास की राह पर आगे ले जाने की कोशिश करनी चाहिए। संसदीय राजनीति मेंं शुचिता होनी चाहिए। पिछले कार्यकाल की तरह इस बार भी सत्ता पक्ष और विपक्ष में संतुलन बनाए रखेंगे महतो… मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्विरोध निर्वाचन को भारतीय लोकतंत्र की मजबूती बताया। उन्होंने कहा कि अलग- अलग सभ्यता, संस्कृति, जाति, धर्म के बाद भी हम जिस तरह से मिल कर सदन में समस्या का समाधान करते हैं, यह हमारे लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करता है। पंचम विधानसभा में रबींद्रनाथ महतो जिस तरह पक्ष और विपक्ष के बीच संतुलन बनाने का काम किया, सदन की गरिमा बनाए रखी, अब हमें उसे और मजबूत करने की जरूरत है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि राज्य की बेहतरी के लिए हम सब मिलकर प्रयास करेंगे। क्योंकि, राज्य के विकास में पक्ष से कहीं कम विपक्ष की भूमिका नहीं है। लेकिन विपक्ष से वह आग्रह करते हैं कि विधानसभा चुनाव में जनता ने जो निर्णय सुनाया है, उसका वे सम्मान करें। राज्य की भावना और महान विभूतियों के सपनों को साकार करने में अपनी सहभागिता निभाएं। सरकार की कोशिश होगी कि सदन के निर्णयों का पालन हो। संसदीय समितियां भी ढंग से काम करें: सरयू जदयू के विधायक सरयू राय ने कहा कि स्पीकर न सिर्फ विधानसभा बल्कि सभा सचिवालय के सर्वोच्च होते हैं। संसदीय समितियों के कार्य संचालन में अभाव दिखता है। समितियां ढंग से काम करेगी तो लोकतंत्र मजबूत होगा। समितियों के सुझाव पर अमल हो। सदन के संचालन में सदन नेता की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसका वह भी ख्याल रखें। स्पीकर रबींद्रनाथ महतो अनुभवी हैं, इसलिए उम्मीद है कि वे अच्छे ढंग से सदन को चलाएंगे… भाजपा के वरिष्ठ विधायक बाबूलाल मरांडी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्पीकर अच्छे ढंग से सदन को चलाएंगे। क्योंकि, उन्हें सदन चलाने का पिछले पांच साल का अनुभव प्राप्त है। सरकार संविधान का कस्टोडियन होता है, तो विपक्ष पहरेदार भी। स्पीकर अगर ध्यान देंगे तो संविधान और नियमों का सही पालन होगा। क्योंकि कभी कभी विपक्ष ही सही बातों को सरकार के सामने लाती है। ऐसे विषयों पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने स्पीकर को सुझाव दिया कि सरकार भले ही सदस्यों की बात पर गंभीर न हो, लेकिन आप उसे गंभीरता से लेें। तभी झारखंड के महान विभूतियों का सपना साकार हो सकेगा। क्योंकि स्पीकर ही सदन का कस्टोडियन होता है। उन्होंने स्पीकर से यह भी आग्रह किया कि सभी विधायकों को सदन में अपनी बात रखने का अवसर मिले, इसका भी विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए। नए सदस्यों को बोलने का मौका दें, सत्ता पक्ष और विपक्ष को एक नजर से देखें: जयराम माले विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि नये विधायकों को सदन में प्रोत्साहन मिले। लोजपा विधायक जनार्दन पासवान ने कहा कि सदस्यों के सवाल केवल पेपर और पन्नों में न रहे। विधायकों के क्षेत्र की समस्या का समाधान हो। निर्मल महतो ने कहा कि गाड़ी प्रखंड को रामगढ़ में शामिल किया जाना चाहिए। सुरेश पासवान ने स्पीकर को बधाई दी। जयराम कुमार महतो ने नए सदस्यों को मौका दिए जाने और एक ही दृष्टि से पक्ष-विपक्ष के साथ उन्हें भी देखे जाने का आग्रह किया। सड़कों उतर आए जेएसएससी सीजीएल परीक्षा से जुड़े छात्रों को संतुष्ट किया जाए। कैमरून में फंसे मजदूरों को वापस बुलाया जाए।

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