स्लीपर बस के परखच्चे उड़े, जोरदार धमाका, 4 की मौत:तेज रफ्तार ट्रक से भिड़ंत; घायलों में घुसे कांच-मेटल के टुकड़े, 7 की हालत गंभीर

सीकर में स्लीपर बस और ट्रक की भीषण भिड़ंत में 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, घायल बस कंडक्टर ने बुधवार सुबह जयपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। हादसे में कुल 28 लोग घायल हुए थे। इनमें 6 की हालत अब भी गंभीर है। हादसा जयपुर-बीकानेर नेशनल हाईवे पर मंगलवार देर रात 10:40 बजे फतेहपुर के पास हुआ। बस में सवार सभी यात्री वलसाड (गुजरात) के रहने वाले हैं। ये सभी वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे थे और खाटूश्यामजी जा रहे थे। बस में करीब 50 लोग सवार थे। जानकारी के अनुसार स्लीपर बस बीकानेर की ओर से जयपुर जा रही थी। वहीं, ट्रक झुंझुनूं से बीकानेर की ओर जा रहा था। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ट्रक आगे से बस में घुस गया। इससे जोरदार धमाका हुआ। बस के केबिन और उसके पीछे बैठे पैसेंजर्स सबसे ज्यादा घायल हुए हैं। घायलों की शरीर में कांच-मेटल के टुकड़े घुस गए। सबसे पहले देखिए- हादसे से जुड़ी 3 तस्वीरें… बस ड्राइवर समेत 4 की मौत हादसे में बस यात्री मयंक और ड्राइवर कमलेश की मौत हो गई। एक मृतक की पहचान नहीं हुई है। वहीं, कंडक्टर मितेश को सीकर के एसके हॉस्पिटल से गंभीर हालत में जयपुर रेफर किया गया था। जिसकी बुधवार सुबह मौत हो गई। 15 घायल सीकर रेफर हुए थे: हादसे में ज्यादा घायल अनंत, तुषार पुत्र अर्जुन, राजेश पुत्र ओमप्रकाश, प्रवीण पुत्र बाबू भाई, रंजना पत्नी सुरेश भाई, मुक्ता बेन पुत्री शैतान सिंह, आशीष पुत्र रामलाल हैं। साथ ही निलेश पुत्र अमित, सुहानी पुत्री अमित, कर्मल बेन, जमवंत पुत्र उदाराम, सुदा बेन पुत्री उत्तम, अर्जुन पुत्र उकल भाई, अमित पुत्र रमन लाल, शीला बेन पत्नी महेश भाई को भी सीकर रेफर किया गया था। 13 घायल फतेहपुर में एडमिट: एक्सीडेंट में 13 लोगों को हल्की चोट आई है। इनमें महेश भाई, गंगा बेन पत्नी गोविंद भाई, कंचन, साकेत पाल, लादू पुत्र विष्णु, रमीला, रंजीत, अर्जुन, संगीता, परितेश, अतुल, इंदू बेन पत्नी जीवन भाई और एक अन्य हैं। मौके पर मची थी चीख-पुकार- एंबुलेंस ड्राइवर एंबुलेंस ड्राइवर भीम सिंह ने बताया- रात करीब 10.30 बजे एक्सीडेंट की जानकारी मिली थी। मौके पर लोग चिल्ला रहे थे। मैंने तुरंत अपने आसपास के क्षेत्र में 108 एंबुलेंस सेवा को मदद के लिए कॉल की। स्थानीय लोगों की मदद से बस में फंसे लोगों को निकालकर फतेहपुर सरकारी हॉस्पिटल लेकर आए।

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