भारत में समृद्धि, सुरक्षा और लक्ष्मी का प्रतीक माने जाने वाला सोना नया कीर्तिमान रच रहा है। भले ही यह कीमत वृद्धि विवाह के जेवर खरीदने वाले परिवारों की चिंता बढ़ा रही हो, लेकिन पिछले 25 वर्ष में इसने निवेशकों को 1700% का रिटर्न दिया है। इस दौरान चार बार ही सालाना आधार पर सोने के दाम घटे। वर्ष 2000 में शुद्ध सोने का औसत भाव 4,450 रुपए प्रति 10 ग्राम था, जो 2025 में 1,20 रुपए के ऐतिहासिक स्तर के पार हो चुका है। इस ढाई दशक में सोना निवेश पोर्टफोलियो का सबसे भरोसेमंद और संकटमोचक एसेट साबित हुआ है। 2000 से 2006 के बीच सोने की बढ़ने की रफ्तार धीमी रही। साल 2007-2012 के बीच वैश्विक संकट ने सोने की तेजी को हवा दी, जो 2020 से 2025 के दौर में तूफानी तेजी में बदल गई। वर्ष 2000 में ~4450 का 10 ग्राम था; 2025 में 1.50 लाख हो गया… साल औसत भाव वार्षिक वृद्धि या गिरावट प्रतिशत में बुलियन बाजार के विशेषज्ञ कैलाश मित्तल और मनीष खूंटेटा के मुताबिक सोना अभी और चमकेगा। अमेरिकी राजनीति में अनिश्चितता से सोने तेजी आई है। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच सहमति नहीं बनने से सरकारी शटडाउन की आशंका से सुरक्षित निवेश के लिए सोने की मांग बढ़ रही है। डॉलर इंडेक्स में गिरावट और ट्रेजरी बॉन्ड यील्ड में कमी ने भी सोने को चमकाया है। सितंबर में गोल्ड ईटीएफ में पिछले तीन वर्ष का सबसे बड़ा मासिक निवेश आया है। डॉयचे बैंक और गोल्डमैन सैक्स ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 4,000 प्रति आउंस के पार होने की भविष्यवाणी की है। जब मुद्रा का अवमूल्यन या महंगाई बढ़ती है, तो सोने की मांग बढ़ती है। बड़ा युद्ध या वैश्विक महामारी के दौर में निवेशक पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने का रुख करते हैं। राजस्थान में हर साल 42 हजार किलो सोने के गहने बिकने का अनुमान विश्व स्वर्ण परिषद के मुताबिक, भारत में हर साल करीब 600 टन सोने के आभूषण बिकते हैं। इसका करीब 7 फीसदी कारोबार राजस्थान में होता है। इस लिहाज से राजस्थान में हर साल करीब 42 हजार किलो सोने के आभूषण बिकते का अनुमान है। वहीं, विभिन्न सर्राफा संघों की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में हर साल, आभूषण, निवेश और निर्यात के लिए 60 से 80 टन सोने की खपत होने का अनुमान है।