हजारीबाग जिले के टाटीझरिया, विष्णुगढ़ और बरकट्ठा प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में जंगली हाथियों ने भारी तबाही मचाई है। जंगल से भटककर आए हाथियों के दो झुंड ने किसानों की फसलें रौंद डाला और कई घरों को नुकसान पहुंचाया। इन झुंडों में लगभग 25 हाथी शामिल थे। हाथियों ने केले के पेड़ उखाड़ दिए खेतों में खड़ी मकई, केला सहित अन्य फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। इससे किसान आर्थिक संकट में आ गए हैं। टाटीझरिया के मुरुमातु गांव में सात हाथियों के एक झुंड ने परण महतो, लोकनाथ महतो, बद्री महतो समेत अन्य ग्रामीणों की फसलों को नुकसान पहुंचाया। हाथियों ने केले के पेड़ उखाड़ दिए और मकई की बाली तक चबा गए। अचानक हाथियों का झुंड गांव में घुस आया विष्णुगढ़ प्रखंड के महुआटांड़ गांव में हाथियों ने तीन घरों की चारदीवारी गिरा दी। घरों में घुसकर रखा गया अनाज भी खा गए। ग्रामीणों के अनुसार, रात के समय जब सभी लोग सो रहे थे, तभी अचानक हाथियों का झुंड गांव में घुस आया। इससे अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों ने मशाल जला हाथियों को भगाने की कोशिश की बरकट्ठा प्रखंड के मसीपीढ़ी गांव में भी हाथियों ने कहर बरपाया। यहां युगेश्वर चौधरी समेत अन्य ग्रामीणों के खेतों को नुकसान पहुंचाया गया। ग्रामीणों ने मशाल जलाकर हाथियों को भगाने की कोशिश की, लेकिन वे काफी देर तक गांव में डटे रहे और फसलों को नुकसान पहुंचाते रहे। वन विभाग के EAST DFO विकास कुमार उज्जवल ने ग्रामीणों से अपील की है। उन्होंने कहा कि हाथियों के संपर्क में आने पर उन्हें छेड़ें नहीं, बल्कि तुरंत विभाग को सूचना दें। वन विभाग लगातार हाथियों को जंगल की ओर वापस खदेड़ने का प्रयास कर रहा है। जान-माल की क्षति होने पर मुआवजा देने की प्रक्रिया भी जारी है। फिलहाल ग्रामीण प्रशासन से उचित मुआवजे और सुरक्षा के उपायों की मांग कर रहे हैं।