1971 में पाकिस्तान के साथ लड़ी गई जंग में भारतीय सेना की लासानी जीत को पैंथर डिवीजन ने “विजय दिवस’ के रूप में मनाया। इस संदर्भ में पंजाब स्टेट वॉर हीरोज मैमोरियल नारायणगढ़ में “अपनी सेना को जानें मेला’ लगाया गया, जिसमें हथियारों और उपकरण प्रदर्शित हुए। इन सभी को आम लोगों, युवाओं और बच्चों ने देखा और सेना के जज्बे, बहादुरी और उपलब्धियों को जाना। इसी तरह से किला गोबिंदगढ़ में शाम को लाइट एंड साउंड शो समेत अन्य आयोजनों के मार्फत इस जीत का जश्न मनाया गया और शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट की गई। गौर हो कि 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी और पाकिस्तान के दो टुकड़े होकर बांग्लादेश का जन्म हुआ। उक्त जीत भारतीय सशस्त्र बलों के नेतृत्व में निर्णायक सैन्य जीत का स्मरण कराता है। वॉर मैमोरियल में राष्ट्र की शक्ति और एकता को प्रदर्शित करते हुए सैन्य उपकरणों के शानदार प्रदर्शन किया गया। इसमें आम जनता के लिए आर्मर टैंक, आर्टिलरी गन और अन्य नई पीढ़ी के हथियारों सहित सैन्य हार्डवेयर शामिल थे। प्रदर्शनी ने नागरिकों, खास कर युवा पीढ़ी को, उस सैन्य तकनीक को प्रत्यक्ष रूप से देखने का मौका दिया, जिसने भारतीय सेना की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और अभी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह हथियारों के प्रदर्शन ने भारत की रक्षा क्षमताओं की विरासत और राष्ट्र की सुरक्षा को बनाए रखने वाली अत्याधुनिक तकनीक को जानने का मौका था। समारोह के सबसे मार्मिक क्षणों में से एक वीर नारियों का सम्मान था, जो 1971 के युद्ध के दौरान सर्वोच्च बलिदान देने वालों की पत्नियां थीं। इन महिलाओं को उनके साहस, हिम्मत और जज्बे के सम्मान में मैडल और कृतज्ञता के प्रतीक के साथ सम्मानित किया गया।