हमें शरीर से ज्यादा अपने हृदय को संवारना है

आगमनकाल का संदेश रांची | एडवेंट, लैटिन शब्द “एडवेंट्स’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘आगमन या आनेवाला’। आगमन को तैयारी का महीना के रूप में मनाया जाता है, ताकि हम खुद के जीवन व खुद का आकलन कर सकें। हम किसी भी बड़े व्यक्ति से मिलने जाते हैं तो निश्चित तौर पर सज-धजकर जाते हैं, अच्छे कपड़े पहनते हैं। लेकिन येसु के आगमन की तैयारी में हमें अपने शरीर से ज्यादा अपने हृदय को संवारना है। हमें देखना है कि हमारा हृदय कितना पवित्र हैं। क्या हम येसु के स्वागत के योग्य है? अगर नहीं है तो खुद को तैयार करना होगा। इसके लिए अपनी गलत आदतों को छोड़ना होगा। वरना क्रिसमस के त्योहार मनाने के हम काबिल नहीं रहेंगे। क्रिसमस से पहले आगमन की तैयारी का सप्ताह ईसाइयों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दौरान चर्च भी ईसाइयों को उनके जीवन की सार्थकता का अहसास कराता है। उनको जाने-अनजाने किए गए पापों को याद करने तथा उसके लिए पश्चाताप करने का अवसर प्रदान करता है। लेखक- कुलदीप तिर्की, रांची महाधर्मप्रांत, यूथ कॉर्डिनेटर

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