हम भीतर की कुमति रूपी मैल को धोएं : संत लोकेश

धमतरी | श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में चालीहा महोत्सव के 16वें दिन सत्संग, कीर्तन और चालीसा पाठ हुआ। सत्संग में संत लोकेश कुमार ने स्वामी भगत प्रकाश महाराज का भजन लगन लगी ईश्वर की मन में, घर को छोड़ चले जंगल गाकर सुनाया। कहा कि ऐसे सद्गुरु से सच्चा संबंध बनाना चाहिए। जैसे सुदामा ने श्रीकृष्ण से मित्रता की थी, वैसे ही हमें आचार्य स्वामी टेऊंराम से अटूट प्रीति करनी चाहिए। वे सुख-दुख के साथी हैं। दुख दूर कर सुख देते हैं। उन्होंने जो नाम रूपी साबुन दिया है, उससे हमें भीतर की कुमति रूपी मैल को धोना चाहिए। कार्यक्रम में किशोर वाधवानी, अशोक वाधवानी, रोहित वाधवानी, महेश वाधवानी, बसंत वाधवानी, प्रहलाद आहूजा, पुरुषोत्तम वाशानी, प्रकाश वाशानी, प्रहलाद वाशानी, दिनेश असरानी शामिल हुए।

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