रांची में झारखंड राज्य आवास बोर्ड की कॉलोनियों में मकान बनाने के लिए जमीन लेकर व्यवसायिक इस्तेमाल करने वालों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। हरमू, अरगोड़ा और बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में ऐसे आवंटियों को चिह्नित किया गया है, जिनके घरों का व्यवसायिक इस्तेमाल हो रहा है। कहीं दुकानें खुल गई हैं तो कहीं शो-रूम तो कहीं विभिन्न कार्यालय। अब ऐसे आवंटियों का आवंटन रद्द होगा। आवास बोर्ड ने तीनों कॉलोनियों में 420 प्लॉट की सूची तैयार की है, जिनका आवंटन आवासीय उद्देश्य से किया गया था। पूर्व में बोर्ड द्वारा आवंटियों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अब बोर्ड द्वारा सभी 420 आवंटियों को अंतिम नोटिस दी जाएगी। उनको एक सप्ताह में पक्ष रखने के लिए कहा जाएगा। पक्ष नहीं रखने पर एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए सभी का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। ऐसा हुआ तो कॉलोनियों में हड़कंप मच जाएगा। क्योंकि, अधिकतर भवनों में व्यवसायिक गतिविधियां चल रही हैं। सभी को घर खाली कराना पड़ेगा, नहीं तो जमीन का आवंटन रद्द होगा। नियम तोड़ने वालों का आवंटन होगा रद्द कई बड़ी कंपनियों के कार्यालय भी चल रहे, अधिकतर लोगों ने बोर्ड से नहीं ली अनुमति रोड के दोनों ओर दुकान और व्यवसायिक कार्यालय हैं। आवासीय जमीन का व्यवसायिक इस्तेमाल करने वालों की सूची में कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं। कई दलों के कार्यालय भी चल रहे हैं। कई बड़ी कंपनियों के ऑफिस भी संचालित हो रहे। इसके लिए बोर्ड से स्वीकृति भी नहीं ली गई है। कई अधिकारियों को आवंटित प्लॉट पर भी बोर्ड की नजर है। बोर्ड कार्रवाई करता है तो ट्रिब्यूनल और कोर्ट से मिल सकती है राहत: आवास बोर्ड आवंटन रद्द करने की कार्रवाई करता है तो आवंटियों के पास आवास बोर्ड ट्रिब्यूनल और विभिन्न न्यायालयों में जाने का मौका है। लेकिन यहां मामला जाने पर लंबे समय तक सुनवाई होती है। ऐसे में आवंटन रद्द होने में लंबा समय लग सकता है। घर में खोल दिया होटल, शो रूम और कोचिंग, बोर्ड को नहीं दी सूचना हरमू, अरगोड़ा और बरियातू हाउसिंग कॉलोनी में अधिकतर घरों का व्यवसायिक इस्तेमाल हो रहा है। कई घरों को इस तरह बनाया गया है कि उसका इस्तेमाल होटल के रूप में भी किया जा सके। हरमू हाउसिंग कॉलोनी में ऐसे 15 प्लॉट चिह्नित किए गए हैं, जो आवासीय प्रकृति की हैं। लेकिन उक्त प्लॉट पर होटल- रेस्टोरेंट बना लिया गया है। 205 से अधिक प्लॉट ऐसे हैं, जिन पर विभिन्न कंपनियों के शो-रूम, दुकान या गोदाम चल रहे हैं। करीब 200 प्लॉट ऐसे हैं, जिन पर छोटा-मोटा कारोबार, स्कूल- कोचिंग संस्थान, विभिन्न निजी कंपनियों के कार्यालय सहित अन्य गतिविधियां चल रही हैं। लोगों ने बोर्ड को इसकी सूचना भी नहीं दी।