हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा ने ‘बिग बॉस’ ऑफर ठुकराया:बोले- मैं घूमने-फिरने वाला आदमी, बंधन में नहीं रह सकता; जल्द आएगी नई फिल्म ‘लाइसेंस’

हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री के स्टार सिंगर मासूम शर्मा ने बिग बॉस सीजन-19 का ऑफर ठुकरा दिया है। दावा है कि मासूम शर्मा को बिग बॉस की क्रिएटिव टीम ने संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने अब पूरी तरह से मन बनाते हुए ऑफर पर विचार छोड़ दिया है। देश के सबसे चर्चित रियलिटी शो बिग बॉस सीजन 19 में जाने की अटकलों पर मासूम शर्मा ने खुलासा करते हुए पंचकूला में 6 अक्टूबर की शाम को कहा कि मैं घूमने-फिरने वाला आदमी हूं, किसी बंधन में रह नहीं सकता। ऐसे रियल्टी शो में मैं नहीं रह पाऊंगा। इसलिए मैं ऐसे किसी शो का हिस्सा नहीं बनूंगा। करीब 2 माह पहले मासूम ने खुलासा किया था कि उनके पास बिग बॉस की क्रिएटिव टीम की ओर से सपंर्क किया गया है। पीछे वालों की नहीं सोचते बॉलीवुड जाने वाले हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा ने कहा कि जो लोग बॉलीवुड में हरियाणा से गए हैं, उन्होंने हरियाणवी लोगों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम नहीं किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जो लोग पंचकूला में कोठी बनाकर रहने लगे, उन्हें गांव के अपने भाईयों से कोई खास लगाव नहीं बच जाता। इसी प्रकार से हरियाणा से बॉलीवुड में गए एक्टरों ने किया है। जल्द आएगी फिल्म लाईसेंस
मासूम शर्मा ने बताया कि दिसंबर तक उनकी एक नई फिल्म आ रही है। उनका कहना है कि जैसे हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री ने बूस्ट पकड़ा है, वैसे ही अब सिनेमा के रास्ते भी खुलेंगे। उन्होंने कहा कि इस मूवी का टारगेट सिर्फ हरियाणवी दर्शकों तक पहुंचना नहीं है, बल्कि इसमें पंजाबी और हिंदी कल्चर का भी तड़का होगा। हरियाणवी सिनेमा भी उभरेगा हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा ने कहा कि जिस तरह से हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री नई ऊंचाइयां हासिल कर रही है वैसे ही हरियाणवी सिनेमा भी जरूर उभरेगा। जैसे हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री ने बूस्ट पकड़ा है, वैसे ही अब सिनेमा के रास्ते भी खुलेंगे। हरियाणा का सॉन्ग कल्चर आज बहुत तेजी से ग्रो कर रहा है और इसके पीछे हर कलाकार की मेहनत है। मेरा मकसद सिर्फ गाना गाना नहीं, बल्कि हरियाणा की मिट्टी की पहचान को देशभर में फैलाना है।
बैन गानों पर बोले- सारी गलती सरकार की नहीं बैन गानों पर बोलते हुए मासूम शर्मा ने कहा कि जो भी पहले कुछ हुआ, मैं नहीं मानता कि उसमें पूरी तरह से सरकार की गलती थी। कुछ अधिकारी या अफसर ऐसे होते हैं जो हर जगह टांग खींचने के लिए होते हैं, सब एक समान अच्छे नहीं होते।

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