स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि प्रत्येक शुक्रवार को अपने घर, छत, आंगन, गमले, कूलर और पानी के बर्तनों की जांच करें। विशेष रूप से बरसात के मौसम में, ठहरा हुआ पानी डेंगू मच्छरों के लिए सबसे उपयुक्त प्रजनन स्थल बन जाता है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि केवल सफाई और नियमित जांच से ही डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है। हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना होगा। डॉ. रमनदीप कौर ने कहा कि डेंगू से बचाव का सबसे आसान तरीका है मच्छरों के लार्वा के प्रजनन स्थलों को खत्म करना। अगर हम हर सप्ताह सिर्फ 10 मिनट अपने घर और आसपास की जांच में लगाएं, तो डेंगू के मामलों में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने यह भी बताया कि हर शुक्रवार डेंगू पर वार अभियान को शहर के सभी वार्डों, कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थलों तक फैलाया जाएगा, ताकि इस बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सके। भास्कर न्यूज | लुधियाना पंजाब सरकार के निर्देशानुसार चलाए जा रहे हर शुक्रवार डेंगू पर वार अभियान के अंतर्गत लुधियाना स्वास्थ्य विभाग ने शहर के विभिन्न इलाकों में विशेष निरीक्षण अभियान चलाया। इस दौरान कुल 172 नर्सरियों की जांच की गई, जिनमें से 25 नर्सरियों में डेंगू मच्छरों के लार्वा पाए गए। सिविल सर्जन डॉ. रमनदीप कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साप्ताहिक अभियान के तहत प्रत्येक शुक्रवार को डेंगू के संभावित प्रजनन स्थलों की पहचान कर तुरंत कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि डेंगू को जड़ से खत्म करने के लिए केवल स्वास्थ्य विभाग का प्रयास पर्याप्त नहीं है, बल्कि जनता का सहयोग भी अत्यंत आवश्यक है। अभियान के दौरान सहायक सिविल सर्जन डॉ. विवेक कटारिया ने नर्सरियों का निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि कई गमलों, पानी से भरे बर्तनों और ट्रे में डेंगू मच्छरों के लार्वा मौजूद थे। उन्होंने बताया कि ये लार्वा ठहरे हुए पानी में तेजी से पनपते हैं, और जरा सी लापरवाही डेंगू के फैलाव का कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने नर्सरी मालिकों को निर्देश दिया कि गमलों, ट्रे और अन्य बर्तनों में पानी इकट्ठा न होने दें और साप्ताहिक जांच नियमित रूप से करें। जिन नर्सरियों में लार्वा पाए गए, उन्हें लिखित नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई कि अगर दोबारा लापरवाही पाई गई, तो महामारी अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।