हाईकोर्ट ने रोडवेज एमडी से कहा- यहीं से जेल जाओगे:कोर्टरूम में गार्ड बुलाए; अधिकारी ने माफी मांगी, कर्मचारी को दिया 10.5 लाख का चेक

अदालत के 14 साल पुराने आदेश की पालना नहीं होने पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई। जस्टिस नरेंद्र सिंह ढड्ढा ने कोर्ट में मौजूद रोडवेज एमडी पुरुषोत्तम शर्मा से कहा- आप अदालती आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। आज आप यहीं से जेल जाएंगे। रोडवेज एमडी ने कोर्ट की नाराजगी को भांपते हुए तुरंत माफी मांगी। वहीं अदालती आदेश की पूरी पालना करने का आश्वासन दिया। इसके बाद कोर्ट ने रोडवेज एमडी को दोपहर 2 बजे तक आदेश की पालना करने का समय दिया। लंच के बाद रोडवेज एमडी ने कर्मचारी के बकाया साढ़े 10 लाख रुपए का चेक उसे (याचिकाकर्ता को) सौंप दिया। इसके बाद कोर्ट ने नेमीचंद गुप्ता द्वारा दायर अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया। 23 साल पहले कर्मचारी को हटाया था
याचिकाकर्ता के वकील विकास काबरा ने बताया- नेमीचंद गुप्ता को रोडवेज ने 24 अप्रेल 2002 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी। जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने 8 अगस्त 2012 को कर्मचारी के पक्ष में फैसला देते हुए रोडवेज के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था- कर्मचारी को सेवा में निरंतर माना जाएगा। वहीं उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तारीख से लेकर वास्तविक सेवानिवृत्ति की तारीख तक 75 प्रतिशत वेतन और समस्त परिलाभ दिए जाएं। रोडवेज सुप्रीम कोर्ट में भी हारी
रोडवेज ने एकलपीठ के फैसले के खिलाफ डबल बेंच (DB) में अपील की। डीबी ने रोडवेज की अपील खारिज कर दी। जिसके बाद रोडवेज ने आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने भी 25 जुलाई 2024 को रोडवेज की एसएलपी खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में रोडवेज को निर्देश दिए थे कि वह 31 दिसंबर 2024 तक हाईकोर्ट की एकलपीठ के 2012 के आदेश की पालना कर दे। लेकिन, रोडवेज ने अदालती आदेश की पालना नहीं की। सुनवाई से पहले दिया 27 लाख का चेक
इसके बाद नेमीचंद गुप्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 19 फरवरी को रोडवेज चेयरमैन, रोडवेज एमडी और चीफ मैनेजर भरतपुर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश दिए। कोर्ट ने साफ किया कि रोडवेज एमडी को हाजिरी माफी भी नहीं मिलेगी। रोडवेज ने सुनवाई से एक दिन पहले कर्मचारी के बकाया साढ़े 37 लाख में से 27 लाख का चेक उसे जारी कर दिया। आज रोडवेज एमडी ने कोर्ट में कहा कि हमने आदेश की पालना कर दी है। लेकिन, याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि रोडवेज ने पूरा भुगतान नहीं किया है। जिस पर कोर्ट रोडवेज के रवैया से नाराज हो गया।

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