खजुराहो के गौतम रिसॉर्ट में सोमवार को खाना खाने के बाद यहां के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई। 8 ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 2 वेंटिलेटर पर हैं, 5 आईसीयू में है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों की हालत सामान्य फूड पॉइजनिंग के मामलों की तुलना में ज्यादा गंभीर है, जिससे आशंका है कि खाने में कोई जहरीला पदार्थ मिला हो सकता है। हालांकि, फॉरेंसिक विभाग का मत है कि मौत का कारण केवल केमिकल टेस्ट यानी बिसरा जांच के बाद ही साफ होगा। इस बीच प्रशासन से रिसॉर्ट को सील कर दिया है। सोमवार को मप्र सरकार की कैबिनेट बैठक भी खजुराहो में ही थी। सरकार के कई आला अधिकारी इसी रिसॉर्ट में ठहरे थे। बताया जा रहा है कि 15 कमरे इन अफसरों के लिए बुक थे। घटना की टाइम लाइन हार्दिक सोनी (20) और दयाराम (65) दोनों वेटिंलेटर पर हैं। रवि आदिवासी (19 साल), रोशनी रजक ( 35 साल), आशीष अग्निहोत्री (24), राजकुमारी और गोविंददास आईसीयू यूनिट में हैं। परिजन बोले-जहरीला पदार्थ मिलाया गया, तभी हुई मौत गौतम रिसॉर्ट के कर्मचारी रामस्वरूप की मौत के बाद बेटे बबलू ने आरोप लगाया कि यह साधारण फूड पॉइजनिंग नहीं, बल्कि खाने में जहरीला पदार्थ मिलाया गया था। वह इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहा है। बबलू ने कहा कि उसकी शादी अगले वर्ष 22 मार्च को है और पिता उसकी तैयारियों में लगे थे। उधर आईसीयू में भर्ती हार्दिक के चाचा हरीशंकर सोनी ने भी व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा के चलते साजिशन विषाक्त भोजन खिलाए जाने की आशंका जताई। हाल ही में खजुराहो में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक प्रस्तावित थी, जिससे रिसॉर्ट्स में प्रतिस्पर्धा बढ़ी थी। प्रशासन ने रिसॉर्ट सील कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस, फूड सेफ्टी विभाग और फॉरेंसिक टीमें कारणों की पड़ताल कर रही हैं। बिसरा रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि मामला फूड पॉइजनिंग का है या किसी जहरीले पदार्थ का। डॉक्टर वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों को बचाने में जुटे हैं। गेस्ट व स्टाफ की रसोई अलग-अलग,CMHO ने भी जताई जहरीले केमिकल की आशंका रिसॉर्ट में कर्मचारियों और गेस्ट की रसोई अलग-अलग हैं। कर्मचारियों की रसोई गंदगी से भरी मिली। कुछ कर्मचारियों ने मिलकर खाना बनाया और उसमें आलू-गोभी की सब्जी और रोटी शामिल थी, जिसे सभी ने खाया। छतरपुर सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता का कहना है कि खाना, पानी, उल्टी सहित अन्य सामग्री के सैंपल लिए गए हैं। इन्हें भोपाल, सागर और रीवा भेजा गया है। इस घटना में फूड पॉइजनिंग की संभावना कम है क्योंकि इससे व्यक्ति बीमार जरूर होता है, पर मौत नहीं होती। किसी जहरीले केमिकल होने की आशंका है। डॉ. आरपी गुप्ता के इस बयान से गहरी साजिश के कई सवाल पैदा हो रहे हैं। एक रिसॉर्ट में जहां भोपाल से आए कई अधिकारी भी ठहरे थे उसमें जहरीला पदार्थ कैसे पहुंचा। यह पदार्थ भोजन में साजिश के तहत मिलाया गया या कोई हादसा हुआ था। दो बड़े सवाल
1 एक्सपर्ट खाने में जहरीला केमिकल मिले होने की आशंका जता रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि इतने बड़े होटल में जब सरकार के बड़े अधिकारी भी ठहरे थे, ये केमिकल क्यों और किस तरह पहुंचा?
2 जिस होटल में खाने की प्लेट की रेंज 500 से 1000 रुपए और रूम का किराया 5000 से शुरू होता है, वहां ऐसी घटना लापरवाही है या किसी साजिश का हिस्सा? मृतकों के परिजन भी साजिश की आशंका जता रहे हें। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट… मौत का कारण साफ नहीं, बिसरा जांच में सामने आएगा सच जया आरोग्य अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग के एचओडी डॉ. सार्थक जुगरान का कहना है कि शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। स्पष्ट राय के लिए केमिकल टेस्ट कराना होगा। बिसरा जांच कहा जाता है। तीनों मृतकों के बिसरा को प्रिजर्व कर लिया गया है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण सामने आएगा।


