हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी स्थित उपली डढ़ेई गांव में बीती रात (रविवार को) भीषण आग लग गई। इस घटना में देवता अठारह पेड़े का प्राचीन भंडार, एक मंदिर सराय और दो रिहायशी मकान जलकर राख हो गए। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। ग्रामीणों के अनुसार, जले हुए भंडार और सराय में गांव के देवता अठारह पेड़े से संबंधित महत्वपूर्ण धार्मिक वस्तुएं रखी हुई थीं। यह भंडार सदियों से क्षेत्र की आस्था का केंद्र रहा है। आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। आधी रात में आग की इस घटना के बाद न मंदिर और न ही दो रिहायशी मकानों से लोग कुछ भी सामान बाहर नहीं निकाल पाए। ग्रामीणों ने आग की सूचना दमकल विभाग को दी। कुछ देर बाद दो दमकल वाहन मौके पर पहुंचे और आग बुझाने लगे। तीन से चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। मगर तब तक प्राचीन भंडार, सराय और दो मकान जलकर राख हो गए थे। मौके पर सुबह के वक्त भी धुंए के गुब्बार और आग की लपटे उड़ रही है। स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचकर नुकसान के आकलन में जुट गया है। अब तक प्रारंभिक सूचना के अनुसार, अग्निकांड में 1 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। कुल्लू अग्निकांड के PHOTOS..


