झुंझुनूं के नवलगढ़ में हुई गैंगवार के तार 30 करोड़ की बेशकीमती जमीन से जुड़े हैं। भास्कर पड़ताल में सामने आया कि सीकर जिले का हिस्ट्रीशीटर श्रवण भदवासी का अपने सौतेले भाई की पत्नी की जमीन कब्जाना चाहता था। बदमाश रविंद्र कटेवा ने बहुत ही कम दाम में उस जमीन की डील कर ली थी। इस विवाद में दोनों गैंग की सालभर पहले भी भिड़ंत हुई थी। महीनाभर पहले ही रविंद्र कटेवा जमानत पर बाहर आया था। इसके बाद श्रवण भदवासी ने 50 लाख रुपए में सुपारी देकर 4 शूटरों को रविंद्र कटेवा की हत्या करने के लिए भेजा था। हमले में रविंद्र कटेवा तो बच गया, लेकिन उसका दोस्त सुनील सुंडा (30) मारा गया। गैंगवार में हमलावर कृष्णकांत उर्फ रविकांत की भी हत्या हुई। कृष्णकांत भी हिस्ट्रीशीटर था। उसने ही रविंद्र कटेवा और सुनील सुंडा पर फायर किए थे। भागते समय गैंगवार के दौरान उसकी भी गोली लगने से मौत हो गई। हमला करने वालों में कई शूटर रविंद्र कटेवा के परिचित थे। एक दिन पहले ही मिलने के बहाने वो रविंद्र कटेवा के घर जाकर रेकी करके आए थे। अंदेशा है तब भी बदमाश मारने ही आए थे। संडे बिग स्टोरी में पढ़िए- आखिर इस गैंगवार के पीछे की असली लड़ाई कौन सी जमीन को लेकर थी? क्या था हिस्ट्रीशीटर का सौतेले भाई की पत्नी से जमीन विवाद? 12 दिसंबर को नवलगढ़ के खिरोड़ गांव में हुई गैंगवार के विवाद की वजह सीकर जिले के भदवासी गांव निवासी हिस्ट्रीशीटर श्रवण फगेड़िया से जुड़ी है। श्रवण दादिया थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसकी नजर अपने सौतेले भाई के परिवार की करीब 30 करोड़ रुपए की बेशकीमती 25 बीघा जमीन पर थी। इस जमीन को हथियाने को लेकर श्रवण पर अपने सौतेले भाई की हत्या कराने का भी मुकदमा चल रहा है। इसी के चलते उसका अपने सौतेले भाई की पत्नी (भाभी) और उसके परिजनों से भी विवाद चल रहा था। श्रवण से निपटने के लिए उसकी भाभी अपने पति की इस 25 बीघा जमीन को खिरोड़ गांव के हिस्ट्रीशीटर और 0056 के नाम से गैंग चलाने वाले रविंद्र कटेवा से महज 5-7 करोड़ रुपए में सौदा कर लिया था। जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी रविंद्र कटेवा के नाम करवा दी थी। जानकारी के मुताबिक, रविंद्र कटेवा लंबे समय से विवादित प्रॉपर्टी खरीदने और उन पर दादागिरी से कब्जा करने का काम कर रहा था। करोड़ों रुपए के फायदे का सौदा उसने झट से कर लिया। इधर श्रवण की नजर पहले से ही अपने सौतेले भाई की जमीन पर थी। वो उसे कब्जाना चाहता था। ऐसे में रविंद्र और श्रवण की भाभी में हुए जमीन सौदे को लेकर दोनों में विवाद शुरू हो गया था। इस डील के बाद 24 नवंबर 2024 को रविंद्र कटेवा की गैंग ने श्रवण भदवासी और उसकी गैंग के बदमाशों पर जानलेवा हमला किया था। इस मामले में दोनों गैंग के हमलावर पकड़े गए थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, करीब सालभर पहले हुई भिड़ंत के बाद श्रवण भदवासी और रविंद्र कटेवा के बीच राजीनामे के प्रयास भी हुए। लेकिन बात नहीं बनी। इस बीच हिस्ट्रीशीटर रविंद्र कटेवा को एक महीने पहले ही जमानत मिल गई थी। तबसे वो श्रवण भदवासी गैंग के निशाने पर था। 50 लाख रुपए में पिंटू को दी सुपारी, 6 लाख रुपए एडवांस भी लिए श्रवण ने रविंद्र कटेवा की हत्या करने के लिए 50 लाख रुपए में पिंटू नाम के शूटर को सुपारी दी। इसके लिए करीब 6 लाख रुपए एडवांस भी दिए थे। इसके बाद पिंटू ने अपने तीन और साथियों कृष्णकांत उर्फ रविकांत उर्फ गोलू, राजू सिंह और आर्मी से एक्स आर्मीमैन नंदू फौजी को इस मर्डर प्लान में शामिल कर लिया। चारों मिलकर कुछ दिनों से रविंद्र कटेवा को मारने की तैयारी कर रहे थे। इधर रविंद्र भी जेल से बाहर आने के बाद पूरी तरह सतर्क था। उसे अंदेशा था कि श्रवण उस पर कभी भी हमला करवा सकता है। हमले की आशंका में वो हर समय अपनी गैंग के गुर्गों को साथ रखता था। एक दिन पहले हमलावर पहुंचे थे रविंद्र से मिलने चारों हमलावर घटना से एक दिन पहले 11 दिसंबर को भी रविंद्र से मिलने उसके घर पहुंचे और बातचीत कर निकल गए थे। संभवत: वो रविंद्र की और उसके घर की रेकी करने आए थे। रविंद्र की मां विमला देवी ने बताया कि 12 दिसंबर को घटना के समय वो और उसका बेटा घर में थे। वो रसोई के काम निपटा रही थी। इधर रविंद्र खाना खाकर किसी दुकान के उद्घाटन समारोह में जाने के लिए तैयार हो रहा था। सुनील सुंडा सहित उसके कुछ साथी बाहर उसका इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान घर के बाहर एक स्विफ्ट कार आकर रुकी। रविंद्र कार को देख बाहर जाता है और उसके पास पहुंचता है। कुछ सेकेंड रविंद्र की उनसे बातचीत भी होती है। जल्द ही दोनों में बहस होने लगती है। इसके बाद कार में बैठा एक शख्स रविंद्र पर फायर कर देता है। रविंद्र इस हमले में बच जाता है। इतने में ही रविंद्र का साथी सुनील सुंडा कार की स्टीयरिंग पकड़ लेता है। इस बार हमलावर शख्स सुनील पर फायर करता है और वो घायल होकर वहीं गिर जाता है। रविंद्र और उसके दूसरे साथी चिल्लाते हुए घर के अंदर भागते हैं। हमलावर कार पीछे दौड़ाते हैं। इसी दौरान कार घर के बाहर लोहे की फाटक से टकराती है। इससे कार का बंपर टूट जाता है। घबराकर हमलावर कार को पीछे लेते हैं और मौके से भागने लगते हैं। इसके बाद वो (विमला देवी) बेहोश हो जाती हैं। भागते शूटरों में 2 को पब्लिक ने पीटा, 1 हिस्ट्रीशीटर मारा गया भास्कर पड़ताल में सामने आया कि भागते हमलावरों को पकड़ने के लिए रविंद्र अपने साथियों सहित गाड़ियां लेकर उनका पीछा करता है। इस दौरान वो लगातार कॉल करके आस-पड़ोस से व अपने दूसरे साथियों को भी गाड़ियां लेकर बुलाता है। पुलिस के पास कॉल डिटेल और कॉल रिकॉर्डिंग में इसकी पुष्टि हो गई है। इधर, हमलावरों को जब ये अंदेशा हो जाता है कि वो चारों तरफ से घिरते जा रहे हैं तो वो लगातार फायरिंग करते हुए कार से निकलकर दो-दो के ग्रुप बनाकर खेतों के रास्ते भागने लगते हैं। इनमें से एक एक्स आर्मीमैन नंदू फौजी वहां से बचकर फरार हो जाता है। वहीं बाकी तीन बदमाश पिंटू, राजू और कृष्णकांत उर्फ गोलू एक खेत में जाकर फंस जाते हैं। जहां उन्हें भीड़ घेर लेती है। यहीं उनका पीछा करते हुए रविंद्र कटेवा और उसके साथी भी पहुंच जाते हैं। रविंद्र कटेवा पक्ष का दावा है कि इसी दौरान घबराकर कृष्णकांत उर्फ गोलू ने खुद को गोली मार कर सुसाइड कर लिया। हालांकि पुलिस को अंदेशा है कि कृष्णकांत की मौत दूसरी गैंग की जवाबी फायरिंग का ही नतीजा है। इसके बाद बाकी दोनों बदमाशों के साथ रविंद्र कटेवा और उनके समर्थक जमकर मारपीट करते हैं। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमे रविंद्र हमलावरों को बेल्ट से पीटते हुए दिख रहा है। पुलिस ने माना गैंगवार, दोनों तरफ से मुकदमे दर्ज झुंझुनूं एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि सीकर के दादिया थाना इलाके के बदमाश श्रवण भदवासी और हिस्ट्रीशीटर रविंद्र कटेवा में पहले से ही एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। रविंद्र कटेवा के खिलाफ पहले से ही एक जानलेवा हमले का मामला दर्ज हुआ था। उसी रंजिश के चलते श्रवण भदवासी ने रविंद्र कटेवा की हत्या की सुपारी दी थी। इसमें पिंटू, राजू, गोलू और नंदू नाम के बदमाश शामिल थे। यहीं चारों बदमाश रविंद्र की हत्या करने का प्लान लेकर उसके घर पहुंचते हैं और दोनों तरफ से एक-एक व्यक्ति की मौत होती है। अब दोनों तरफ से एक-एक गैंगवार और हत्या के मामले दर्ज कर लिए गए हैं। एसपी ने बताया कि ये श्रवण भदवासी और रविंद्र कटेवा के बीच गैंगवार है। गैंगवार में घटनाएं हुईं। पहली घटना, जिसमें सुनील सुंडा की हत्या हुई, उसमें शामिल दो आरोपियों को पकड़ चुके हैं। फरार नंदू फौजी को पकड़ने के प्रयास जारी हैं। गैंगवार की दूसरी घटना जिसमें हमलावर पक्ष का हिस्ट्रीशीटर कृष्णकांत मारा गया, उस मामले में भी पुलिस टीमों को सफलता मिल चुकी है। फिलहाल दोनों तरफ से सभी मुलजिमों जो साजिश और मौके पर थे, उनको हमने नामजद कर लिया है। इनमें से अधिकतर को डिटेन भी कर लिया है। अब जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। —- गैंगवार से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… राजस्थान में गैंगवार, हिस्ट्रीशीटर समेत 2 की मौत:3 किलोमीटर दूर तक एक-दूसरे पर गोलियां चलाते रहे, भीड़ ने 2 बदमाशों को पकड़कर पीटा राजस्थान के झुंझुनूं में हुई गैंगवार में हिस्ट्रीशीटर समेत 2 बदमाशों की मौत हो गई। गैंगवार नवलगढ़ के गोठड़ा थाना क्षेत्र के खिरोड़ की शुक्रवार सुबह 9 बजे है। भीड़ ने दो बदमाशों को पकड़कर पीट दिया….(CLICK कर पढ़ें)


