नव वर्ष के स्वागत को लेकर शहर में तैयारियां शुरू हो गई हैं। सभी जल प्रपातों, डैम व नए लोकेशन पर इस बार 31 दिसंबर व एक जनवरी को पांच लाख से अधिक सैलानी पिकनिक मनाने व घूमने के लिए पहुंचेंगे। इन पर्यटन स्थलों पर हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। लेकिन हर साल सावधानी बरतने के बाद भी दुर्घटनाएं होती हैं और लोगों की जान चली जाती है। रांची व आसपास के इलाके में 30 से अधिक पयर्टन स्थल हैं। इनमें 12 से अधिक जलप्रपात व डैम खतरनाक हैं। इन खतरनाक जलप्रपातों में पिछले 10 साल में असावधानी बरतने की वजह से 128 से अधिक सैलानी गहरे पानी में डूब कर अपनी जान गवां चुके हैं। नए साल को लेकर कई जल प्रपातों पर रक्षक दल के पर्यटन कर्मी किए गए तैनात हालांकि इस बार कई जल प्रपातों पर डेंजर जोन को देखते हुए पर्यटन विभाग की ओर से सुरक्षा को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। सैलानियों से आग्रह किया जाएगा कि वे गहरे पानी में नहाने के लिए नहीं उतरें। नए साल को लेकर कई जलप्रपातों पर रक्षक दल के पर्यटन कर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि कोई दुर्घटना हो तो तुरंत बचाव के लिए पहुंच सकें और कोई अनहोनी ना हो। जोन्हा : मुख्य फॉल से 200 फीट आगे जानलेवा गड्ढे 140 फीट की ऊंचाई से गिरने वाला झरना पर्यटकों को एक सुन्दर अनुभव प्रदान करता है। यहां बौद्ध धर्म के कई प्रतीक हैं और पहाड़ी पर एक प्राचीन बुद्ध मंदिर है। मान्यता है कि भगवान बुद्ध यहां आए थे। हुंडरू : सुरक्षा के नाम पर सिर्फ चेतावनी बोर्ड लगे हैं हुंडरू जलप्रपात रांची शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां पानी 320 फीट की ऊंचाई से गिरता है, जो राज्य के उच्चतम जलप्रपात में से एक है। इतनी ऊंचाई से पानी गिरते हुए देखना काफी रोमांचक होता है। तिरु फॉल : पर्यटन मित्र की तैनाती नहीं की गई है रांची से 40 किमी. की दूरी पर बुढ़मू राय मार्ग पर यह जल प्रपात है। यहां 22 दिसंबर से लेकर 10 जनवरी तक पर्यटकों की भीड़ रहती है। हिरनी फॉल : सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था नहीं रांची से 72 किमी दूर चाईबासा मार्ग पर हिरणी फॉल की प्राकृतिक सुंदरता व हरियाली लोगों को काफी दूर-दूर से खींचकर ले आती है। रिमिक्स फॉल : सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं खूंटी जिला क्षेत्र के दशम फॉल के समीप स्थित रीमिक्स फॉल काफी रमणीय फॉल है। यहां सबसे अधिक युवा आते हैं। दशम फॉल : सेल्फी लेने के चक्कर में होती है दुर्घटना रांची शहर से करीब 34 किमी. दूर दशम फॉल टाटा रोड पर स्थित है। यह झरना करीब 144 फीट की ऊंचाई से गिरता है। कभी 10 धाराएं थीं। बड़ा सवाल… किसी भी फॉल के पास पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं सावधानी : जोन्हा फॉल में अक्सर युवा पर्यटक नहाने के लिए मुख्य फॉल से 200 फीट तक आगे निकल जाते हैं। वहां जाकर सेल्फी लेते हैं, जहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं होता। वहां जानलेवा गड्ढे के पास रेलिंग भी नहीं है। पर्यटन मित्र और ग्रामीण ही गाइड का काम करते हैं। सावधानी : यह रांची के सबसे खतरनाक फॉल्स में से एक है। यहां 6 डेंजर जोन हैं, जहां सिर्फ चेतावनी लिखी हुई है कि इसके आगे ना जाएं। इसके बाद भी कई पर्यटक नहीं मानते और नहाने के लिए अंदर जाते हैं। सुरक्षा के लिए रक्षक दल के पर्यटन कर्मियों को तैनात किया गया है। सावधानी : जल प्रपात जहां पर गिरता है, वहां काफी छिछला है। अक्सर युवा जल प्रपात के करीब जाकर तस्वीर लेते हैं। तस्वीर लेने के चक्कर में दुर्घटना के शिकार होते हैं। यहां सुरक्षा के लिए ना चेतावनी लिखी हुई है और ना ही पर्यटन मित्र को सैलानियों के लिए तैनात किया गया है। सावधानी : हिरनी फॉल में भी सुरक्षा के नाम पर कोई व्यापक उपाय नहीं किए गए हैं। सैलानियों को अपनी सुरक्षा खुद ही करनी है। किसी ने भी लापरवाही बरती तो यहां भी दुर्घटना की पूरी आशंका बनी रहती है। हालांकि अन्य फॉल की तुलना में यहां कम मौतें होती हैं। सावधानी : रिमिक्स फॉल में डूबने से पिछले तीन साल में 5 से अधिक युवाओं की मौत हो चुकी है। सुरक्षा के नाम पर यहां कोई व्यवस्था नहीं है। नहाने के क्रम में और सेल्फी लेने के दौरान ही अधिकांश मौतें होती हैं। सावधानी : दशम जलप्रपात की जल धाराएं जहां गिरती हैं और उसके आगे काफी गहराई है। अक्सर यहां पर्यटक नहाने और झरने के सामने से सेल्फी लेने के लिए गहराई तक चले जाते हैं और दुर्घटनाएं होती हैं। यहां हर साल तीन-चार लोगों की जान जाती है। पर्यटन मित्र तैनात हैं।