होटल में ठहरा कपल, कमरे में मिली युवती की लाश:हथौड़े से किए कई वार, कोई फिंगर प्रिंट नहीं, नाम-पता सब फर्जी, पार्ट-1

12 नवंबर, 2016, शाम के 4 बजे थे। अमृतसर के सिटी सेंटर स्थित होटल सिंह इंटरनेशनल के रिसेप्शन पर मैनेजर दीपक बैठा था। तभी वहां एक कपल आया। कहा कि उन्हें ठहरने के लिए कमरा चाहिए। दीपक ने रूम बॉय को आवाज देकर कमरा दिखाने भेज दिया। रूम बॉय कमरा दिखाने फर्स्ट फ्लोर पर ले जाने लगा तो युवक ने अपने साथ आई युवती को स्वागत कक्ष में ही बैठा दिया और खुद कमरा देखने चला गया। युवक को कमरा पसंद आ गया। दीपक ने एंट्री रजिस्टर उस की ओर बढ़ाते हुए कहा- सर, इसमें आप अपना नाम-पता और फोन नंबर लिख कर अपनी और मैडम की आईडी दे दीजिए। कमरे का किराया एक हजार रुपए प्रतिदिन होगा। नियम के अनुसार चेक आउट का समय दोपहर 12 बजे होगा। दीपक से एंट्री रजिस्टर लेकर युवक ने अपना नाम रणवीर सिंह और साथ आई युवती को पत्नी बता कर उसका नाम मोनिका लिख दिया। पता 26-ए, नियर केवीएस मालवीय रोड, जयपुर, राजस्थान लिखा। मोबाइल नंबर भी लिखकर अपनी और पत्नी मोनिका की आईडी होटल मैनेजर के पास जमा करा दी। इसके बाद रूम बॉय ने उन्हें होटल के कमरा नंबर 104 में पहुंचा दिया। कुछ देर आराम करने के बाद दोनों ने चाय-नाश्ता किया और स्वर्ण मंदिर के दर्शन करने चले गए। लौटकर उन्होंने रात का खाना होटल से ही मंगवा कर खाया। अगले दिन यानी 13 नवंबर को दोनों सुबह 11 बजे घूमने के लिए निकले। रात करीब 8:30 बजे लौटे। युवती काफी हंसमुख थी। अनजान से भी बात करने में उसे कोई झिझक नहीं हो रही थी। होटल के कर्मचारियों से काफी अच्छे से बात कर रही थी। अगले दिन यानी 14 नवंबर को कमरे से दोनों में से न कोई बाहर आया और न चाय नाश्ते या खाना का ऑर्डर दिया। पूरा दिन बीत गया। कमरे में कोई हलचल नहीं हुई। रात 10 बजे के करीब होटल मैनेजर दीपक यह पता करने के लिए कमरा नंबर 104 के सामने जा पहुंचे कि आखिर ऐसा क्या हुआ है कि करीब 27 घंटे से इस कमरे से कोई बाहर नहीं निकला। दीपक ने दरवाजा खटखटाया और आवाजें दीं, लेकिन अंदर किसी तरह की हलचल नहीं हुई। आखिरकार उन्होंने डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोला। अंदर उन्हें जो दिखाई दिया, वह परेशान करने वाला था। वह भाग कर नीचे आए और होटल के मालिक करनदीप सिंह को फोन कर के कहा, ‘सरदारजी, कमरा नंबर 104 में एक लाश पड़ी है।’ करनदीप सिंह फौरन होटल पहुंचे तो सारा स्टाफ कमरा नंबर 104 के सामने खड़ा था। उन्होंने देखा, कमरे के बेड पर 24-25 साल की युवती का खून से लथपथ शव पड़ा था। पूछने पर दीपक (मैनेजर) ने बताया- यह युवती 2 दिन पहले ही अपने पति रणवीर सिंह के साथ होटल में आई थी। करणदीप ने पूछा- इसका पति कहां है ? दीपक ने कहा- 13 नवंबर की रात से वह दिखाई नहीं दिया। इसके बाद करनदीप सिंह ने थाना रामबाग की बस अड्डा पुलिस चौकी को फोन करके तत्कालीन मुंशी संजीव कुमार को इस बात की सूचना दे दी। सूचना मिलते ही तत्कालीन चौकी इंचार्ज एएसआई सुशील कुमार पुलिस बल के साथ होटल सिंह इंटरनेशनल आ पहुंचे। होटल में लाश मिलने की सूचना उन्होंने थाना रामबाग के थानाप्रभारी, एसीपी और क्राइम टीम को भी दे दी थी। उन्हीं की सूचना पर थाना रामबाग के तत्कालीन SHO दलविंदर कुमार, एसीपी (ईस्ट) गुरमेल सिंह भी होटल आ पहुंचे। पुलिस ने कमरे और शव का निरीक्षण किया। बेड पर लाश पड़ी थी। उसी के पास रखी टेबल पर खून सनी एक हथौड़ी पड़ी थी। उसी टेबल पर पानी का जग और 2 गिलास रखे थे। युवती के सिर के पिछले हिस्से में गहरे घाव थे। चेहरे पर भी चोटों के गंभीर निशान थे, जो संभवत: उसी हथौड़ी के वार से हुए थे। फिंगर प्रिंट एक्सपट्‌र्स के अनुसार, हत्यारा इतना चालाक था कि उसने कमरे की इस तरह सफाई की थी कि कहीं भी उसकी अंगुली के निशान नहीं मिले थे। हथौड़ी पर भी अंगुलियों के निशान नहीं थे। चौकी इंचार्ज ने शव को पोस्टमाॅर्टम के लिए भिजवा दिया। हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने होटल में लगे सीसीटीवी की 12 से 15 नवंबर तक की फुटेज को कब्जे में लिया। इसके साथ ही रजिस्टर में दर्ज रणवीर और मोनिका का पता, फोन नंबर नोट कर के रणवीर द्वारा होटल में जमा कराई गई आईडी भी अपने कब्जे में ले ली। पुलिस को पूरा शक था कि हत्या रणवीर ने ही की है। चौकी इंचार्ज सुशील कुमार ने उसकी तलाश के लिए एक पुलिस टीम बनाई। पुलिस टीम में उन्होंने एएसआई बलदेव सिंह, हेड काॅन्स्टेबल बलविंदर सिंह, हीरा सिंह, बूटा सिंह, गुरचरण सिंह, गुरप्रीत सिंह, हरप्रीत सिंह, हरजिंदर सिंह और काॅन्स्टेबल रणजीत सिंह को शामिल किया। होटल के रजिस्टर में रणवीर द्वारा लिखवाया गया मोबाइल नंबर चेक किया गया तो वह फर्जी पाया गया। जयपुर भेजी गई पुलिस टीम ने लौट कर बताया कि होटल में रणवीर ने जो पता लिखाया था और जो आईडी दी थी, वे सब फर्जी थीं। इस के बाद सीसीटीवी फुटेज से मिले रणवीर और मोनिका के फोटो पंजाब और राजस्थान के सभी थानों को भेज कर कहा गया कि अगर इनके बारे में कोई जानकारी मिले तो सूचना दी जाए। शव पोस्टमाॅर्टम होने के बाद शिनाख्त न होने की वजह से चौकी इंचार्ज सुशील कुमार ने अपने खर्चे से उसका अंतिम संस्कार करा दिया। लाख प्रयास के बाद भी रणवीर और युवती के बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी। हत्या के खुलासे के लिए इन सवालों के जवाब चाहिए थे… कल राजस्थान क्राइम फाइल्स पार्ट-2 में पढ़िए इन सभी सवालों के जवाब…

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