1 माह की बिटिया की हत्यारी मां को उम्रकैद:कोर्ट ने फैसले में कहा- बेटी का जन्म इस बात का सबूत है कि ईश्वर मानव जाति से अप्रसन्न नहीं है

16 सितंबर 2020 को खजूरी इलाके में मां ने ही मासूम की टंकी में डुबोकर हत्या कर दी थी ‘जब एक बेटी का जन्म होता है तो यह इस बात का सबूत है, कि ईश्वर मानव जाति से अप्रसन्न नहीं है, क्योंकि ईश्वर बेटियों के माध्यम से स्वयं को साकार रूप देता है।’ कवि रविन्द्रनाथ टैगोर की इन पंक्तियों को अपने फैसले में शामिल करते हुए भोपाल के 23वें अपर सत्र न्यायाधीश अतुल सक्सेना ने गुरुवार शाम एक महीने की मासूम बेटी की हत्या करने वाली मां को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने 104 पेज के फैसले में विशेष टिप्पणी दी है। इसमें कहा गया कि बेटियां सभ्यता, संस्कृति और राष्ट्र निर्माण का सशक्त हस्ताक्षर हैं। शास्त्रों में बेटियों को हृदयों का बंधन, भावों का स्पंदन, सूजन का आधार, भक्ति का आकार और संस्कृति का संस्कार माना गया है। भारत जैसे विकसित राष्ट्र में बेटियों को साहस, सृजन, सेवा, सभ्यता, सौंदर्य एवं शक्ति के पुंज के रू ज के रूप में देखा जा रहा है। अब बात घटना की… 16 सितंबर 2020 को भोपाल के खजूरी इलाके में मां ने ही पानी की टंकी में में डुबोकर एक महीने की मासूम बेटी की हत्या कर दी थी। दी थी। आरोपी मां फिलहाल जेल में बंद है। इस मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुधा विजय सिंह भदौरिया ने पैरवी पैरवी की थी। सरिता और सचिन की किंजल पहली संतान थी। घटना के वक्त सरिता और किंजल ही घर पर थे। बाकी घर के सभी 11 सदस्य खेत पर गए थे। दोपहर करीब 11 बजे सरिता ने अचानक चिल्लाना शुरू किया और बताया कि किंजल चारपाई पर लेटी थी, अब वह वहां नहीं है। बाद में पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया तो बच्ची का शव घर में ही बनी पानी की टंकी में मिला। इस घटना के बाद सरिता को ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजा गया था, लेकिन हाईकोर्ट से उसे जमानत मिल गई। सरिता 7 महीने 12 दिन जेल में रह चुकी है। टेस्ट से साबित हुआ कि मां ही सबसे करीब थीः पानी में डूबने से मौत होने पर डायाटम टेस्ट किया जाता है। किंजल का टेस्ट पॉजिटिव आया। टेस्ट में किंजल के पेट में 40-50 एमएल लिक्विड मिला। कोर्ट ने कहा कि एक महीने की बच्ची को ठोस पदार्थ नहीं दिया जा सकता। इसका मतलब साफ है कि मौत से पहले सरिता (मां) ने उसे दूध पिलाया। यह साबित करता है कि किंजल की मां ही उसके सबसे करीब थी और उसी के द्वारा किंजल को पोषण दिया गया था। पति ने बताया- बेटी को देखती थी तो खुद को कोसती थी सरिता पति सचिन मेवाड़ा ने कोर्ट को बताया कि उसने जब इस मामले में सरिता से पूछताछ की तो वह रोने लगी और किंजल की हत्या करना कबूल किया। सरिता ने ही अपने पति को बताया कि उसने सोचा था कि उसे बेटा होगा, लेकिन उसे बेटी हुई। वह जब-जब बेटी किंजल को देखती थी, तो खुद को कोसती थी। इसी वजह से जब उसे पता चला कि घर पर कोई नहीं है तो बेटी को पानी की टंकी में डुबोकर मार डाला।

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