एसीबी की ओर से मंगलवार को जलदाय विभाग के एसई अनिल कच्छावा को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को कोटा एसीबी टीम ने उनके निवास पर सर्च ऑपरेशन चलाया। यहां पर करोड़ों की संपति, आलीशान मकान और नकदी मिली। इसके बाद भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो ने आय से अधिक संपति का भी केस दर्ज किया है। कच्छावा के घर से 9.22 लाख नकद, 1.87 करोड़ की फिक्स्ड डिपॉजिट, 1.16 करोड़ के दो भूखंडों के दस्तावेज और घर में मिली करीब 8 बैंक डायरियों के अनुसार बैंक खातों में 88 लाख रुपए जमा हैं। कुल मिलाकर आरोपी के पास 4.16 करोड़ रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्तियां अभी तक मिली हैं। एसीबी अब आरोपी की अन्य संपत्तियों और नेटवर्क की जांच में जुटी हुई है। डीएसपी रतनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि आरोपी एसई अनिल कछवाहा के अलग-अलग बैंकों में कुल 31 अकाउंट भी मिले है। एसीबी की ओर से सभी अकाउंट की जांच करनी बाकी है। जिन 8 डायरियों की जांच की हैं, उनकी भी विस्तृत जांच की जाएगी। इसके अलावा बैंक लोकर्स के बारे में भी जानकारी जुटाई जार रही है। जांच के बाद अकाउंट से भी कई राज खुल सकते हैं। दूसरी ओर, डूंगरपुर एसीबी ने लगातार दूसरे दिन भी एसई कच्छावा से पूछताछ की। विभाग के अधिशासी अभियंता मूलचंद से इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज मंगवाकर जांच की जा रही है। रात तीन बजे तक दस्तावेजों की जांच चली। अनिल कच्छावा कोटा में भी जूनियर इंजीनियर और अधिशाषी अभियंता जैसे पदों पर रहा। वर्ष 2018 में वह यहां एक साल के लिए अधीक्षण अभियंता के पद पर भी रहा है। इसके बाद अलवर गया। डूंगरपुर में 11 मार्च 2024 से कार्यरत है। डूंगरपुर एसई बनने से पहले उनकी पोस्टिंग सवाईमाधोपुर, कोटा, बांरा, बूंदी, अजमेर और नागौर क्षेत्र में रही है। एसीबी के एएसपी विजय स्वर्णकार का कहना है कि घर पर वृद्ध मां, पत्नी व एक बेटा रहता है। घर में कोई चांदी- सोने की ज्वैलरी बहुत अधिक नहीं मिली है। इसका सारा ध्यान पैसों के निवेश को लेकर था। इसके पास 1.87 करोड़ रुपए की तो एफडीआर मिली है। इसके अलावा कई इंश्योरेंस करवा रखे हैं। यह समझ से बाहर है कि इतने सारे बैंक खाते क्यों खुलवाए हुए हैं। संभवत: लॉकर भी होंगे। इसकी जानकारी बैंकों से मिलेगी।