राजनांदगांव| ऐसा पहली बार हुआ जब पहले प्रयास में जिले के 141 बच्चों का राष्ट्रीय साधन प्रावीण्य परीक्षा में चयन किया गया है। पहले के वर्षों में इनकी संख्या 4 से 7 और अधिकतम 11 तक रही है। सर्वाधिक बच्चों के चयन में जिले को राज्य में पांचवां स्थान मिला है। डीईओ प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि पहली बार जिले ने माध्यमिक स्तर की छात्रवृत्ति परीक्षा में बाजी मारी है। सभी ब्लॉकों में प्रधान पाठकों, शिक्षकों की कार्यशाला, बैठकें एवं मार्गदर्शन से बच्चों में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर सकारात्मक माहौल का निर्माण किया गया। जिसके चलते सर्वाधिक बच्चों ने इस सत्र में राष्ट्रीय साधन सह प्रावीण्य परीक्षा के लिए पंजीयन किया। परिणाम यह रहा राज्य स्तर पर जिले ने पांचवां स्थान प्राप्त किया। कक्षा 12वीं तक इन बच्चों को हर साल 12 हजार की राशि शासन द्वारा प्रदान की जाती है। सभी स्तर पर प्रश्न बैंकों से प्रतियोगी परीक्षा में आने वाले प्रश्नों को लेकर शिक्षक और प्रधान पाठकों ने तैयारी की।