15 कमार परिवारों को मिला पीएम आवास का लाभ, कराया गृह प्रवेश

भास्कर न्यूज| महासमुंद शासन की योजनाओं की वास्तविक सफलता तभी मानी जाती है जब उनकी पहुंच और क्रियान्वयन समाज के सबसे निचले तबके तक सुनिश्चित हो। प्रदेश में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों में से एक कमार जनजाति भी है, जिसमें अभी भी शिक्षा और जागरूकता का अभाव है। अपनी लोक संस्कृति और पारंपरिक विरासत एवं मूल्यों के साथ जीवन-यापन करने वाली यह जनजाति कई मायनों में आज भी पिछड़ी हुई है। ऐसे ही एक गांव धनसुली में कमार जनजाति की बहुलता है, लेकिन शासन की योजनाओं का लाभ लेने के मामले में इनकी बात औरों से जुदा है। लेकिन अब प्रधानमंत्री जनमन योजना इस जनजाति के जीवन में एक नई रोशनी लेकर आई है। धीरे-धीरे बदलाव की यह लहर उनके जीवन के हर पहलू को छू रही है, जिससे न केवल उनका जीवन स्तर ऊँचा उठ रहा है, बल्कि वे आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ा रहे हैं। ग्राम धनसुली के कमार बस्ती में निवासरत कमार जनजाति के हितग्राहियों को पीएम जनमन आवास योजना का एकमुश्त लाभ मिला है। कमार बस्ती में निवासरत 15 परिवारों में का घर पीएम आवास योजना के तहत बने है। सूपा, बांस की टोकरी का सामान बनाकर चलाते है आजीविका कमार जनजाति के बाशिंदे पेशे से मुख्यतः बांस की टोकरी, सूपा एवं अन्य सामान बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं लेकिन यह जनजाति अब शासन की योजनाओं का लाभ लेने में पीछे नहीं है। प्रायः कमार जनजाति के लोग घुमंतू और खानाबदोश प्रवृत्ति के होते हैं लेकिन यहां के कमारजन जो प्रायः घास फूस, खादर और मिट्टी से निर्मित अस्थायी घरों में रहते थे, उन्हें अब स्थायित्व मिल गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के आवास मिल चुके हैं।

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