राजस्थान यूनिवर्सिटी का 34वां दीक्षांत समारोह 15 मई को आयोजित किया जाएगा। यूनिवर्सिटी में शनिवार को कुलगुरु प्रो. अल्पना कटेजा की अध्यक्षता में सीनेट की विशेष बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में साल 2023 की परीक्षाओं में पास कुल 1 लाख 50 हजार 596 स्टूडेंट्स को डिग्रियां देने के प्रस्ताव का अनुमोदन दिया गया। इस दौरान साल 2024 में 1 मार्च से 28 फरवरी 2025 तक की अवधि में यूनिवर्सिटी द्वारा 309 पीएच.डी. उपाधियों को स्वीकृति दी गई। जिनमें 159 छात्र और 150 छात्राएं शामिल हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा पीएच.डी. उपाधियां सामाजिक विज्ञान संकाय में दी जाएंगी। सीनेट की बैठक में 185 विद्यार्थियों को एम.फिल. डिग्री, 89 स्नातक और 77 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 32 हजार 675 परीक्षार्थियों को पी.जी. (सेमेस्टर) डिग्रियों का अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही 24 व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से जुड़े 377 परीक्षार्थियों और 502 पी.जी. डिप्लोमा, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के विद्यार्थियों को डिग्रियां मंजूर की गई। यूनिवर्सिटी के 34वें दीक्षांत समारोह में अलग – अलग पाठ्यक्रमों में सबसे ज्यादा नंबर लेन वाले 117 विद्यार्थियों को पदक दिए जाएंगे। इन पदक विजेताओं में 90 छात्राएं शामिल हैं। पहला दीक्षांत समारोह 4 दिसंबर 1948 को हुआ राजस्थान यूनिवर्सिटी के इतिहास को खंगाले तो 4 दिसम्बर 1948 को इस यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ था। 1970 तक लगातार दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। हालांकि, बीच के वर्षों में यहां दीक्षांत समारोह पर ब्रेक लगा, लेकिन साल 2015 से हर साल दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जा रहा है। वहीं, अब यूनिवर्सिटी का 34वां दीक्षांत समारोह आयोजित होने जा रहा है, जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल और कुलाधिपति हरिभाऊ किशन राव बागड़े करेंगे। इस मौके पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.अल्पना कटेजा समेत रजिस्ट्रार और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।