शहर में वाहनों के फिटनेस की जांच के लिए सरकार द्वारा अधिकृत निजी संस्था पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर ने 18 दिन में 837 वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर दिए। वाहनों के 18 दिनों में 837 वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने साथ ही मामला परिवहन विभाग जयपुर के नजर में आया। एक साथ इतने अधिक वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने पर जयपुर परिवहन विभाग ने बाड़मेर के अधिकारियों को मौका निरीक्षण करने और मामले की जांच के आदेश दिए। अधिकारियों ने जांच के दौरान 21 सर्टिफिकेट के रेंडम सैंपल लिए। जिसमें सभी सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए। ऐसे में बाड़मेर परिवहन विभाग द्वारा मामले की जांच कर रिपोर्ट भेजी गई। फिटनेस सेंटर में जांच के बाद से सेंटर के कोड बंद कर दिए है। ^परिवहन विभाग जयपुर ने 19 दिसंबर को बाड़मेर आरटीओ कार्यालय में पत्र भेजकर पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर की ओर से 18 दिनों में जारी किए गए 837 वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट की जांच के आदेश दिए। जिस पर आरटीओ की टीम ने फिटनेस सेंटर पहुंची और 21 रेंडम सेंपल लिए। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। -वगताराम, इंस्पेक्टर, परिवहन विभाग बाड़मेर पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर द्वारा 1 दिसंबर से 18 दिसंबर तक कुल 837 वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए। फिटनेस सेंटर द्वारा 18 दिनों में इतने सारे फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के साथ ही मामला अधिकारियों की नजर में आया। अधिकारियों ने 19 दिसंबर को 837 सर्टिफिकेट की जांच के लिए परिवहन विभाग बाड़मेर को जांच के आदेश दिए। जिस पर 19 दिसंबर को परिवहन विभाग के अधिकारियों ने सेंटर पहुंचकर मामले की जांच की। 837 फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में परिवहन विभाग की टीम ने पार्श्वनाथ फिटनेस सेंटर की जांच की। जांच के दौरान उन्होंने 21 रेंडम सैंपल लिए। इन रेंडम सैंपल में सभी वाहन बाड़मेर से बाहर के पाए गए। जिसमें नगरपालिका सिरोही के कचरा संग्रहण वाहन, सिरोही चलने वाली बस तथा बाहरी जिलों के ट्रकों और भारी वाहनों के फोटो अपलोड कर सर्टिफिकेट जारी किए गए। इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी। विभाग ने सेंटर का कोड बंद कर दिया। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सड़क पर चलने वाले वाहन का फिटनेस ओके होना चाहिए। फिटनेस सही नहीं होने पर वाहन को सड़क पर नहीं चलाना चाहिए। आरटीओ ने बताया कि बिना फिटनेस के वाहन पाए जाने पर प्रथम बार में 5 हजार रुपए और दूसरी बार में 10 हजार रुपए के चालान का प्रावधान है। वहीं यातायात पुलिस फिटनेस नहीं पाए जाने पर वाहन को सीज करती है, जिसे कोर्ट के माध्यम से छुड़वाया जाता है।