ग्राउंड जीरो से लौटकर नीरज भदौरिया बीजापुर-दंतेवाड़ा की सीमा पर गुरुवार को हुई मुठभेड़, जिसमें 26 नक्सली मारे गए थे, उस समय मौके पर नक्सली नेता चैतू, एसजेडसीएम जगदीश समेत कई बड़े कैडर के नक्सली भाग निकलने में कामयाब हो गए थे। मुठभेड़ से बच निकलने के बाद फोर्स ने दक्षिण बस्तर के जिलों के बीच अपनी मूवमेंट बढ़ा दी। फोर्स की मूवमेंट को देखते हुए नक्सली नेता जगदीश अपने लड़ाकों के साथ सुकमा जिलके के निलावाया व उपमपल्ली के जंगल में अपना ठिकाना बनाने पहुंचा। शुक्रवार को पुलिस को मिले इनपुट पर ऑपरेशन लॉन्च किया गया। दरअसल इस मुठभेड़ में स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य चैतू उर्फ श्याम दादा भी मौजूद था। चैतू को बचाने के चक्कर में एसजेडसीएम जगदीश उर्फ इरपारमना भी ढेर हो गया। इसके साथ ही 11 महिला समेत 17 नक्सली ढेर हुए हैं। जगदीश को बचाने के चक्कर में बाकी नक्सली मारे गए हैं। बताया जाता है कि नक्सली चैतू शुक्रवार की शाम से मौके पर मौजूद था। सबसे पहले डीआरजी की एक टीम ने नक्सलियों को घेरना शुरू कर दिया, लेकिन नक्सलियों ने उनकी संख्या कम आंकते हुए उन पर हमला कर दिया। जैसे ही नक्सलियों ने डीआरजी जवानों पर हमला किया, पीछे से डीआरजी की बैकअप पार्टी पहुंच गई और इसके साथ ही और भी टुकड़ियां मौके पर पहुंच गई और नक्सलियों पर हावी हो गई। इसी बीच हुई मुठभेड़ में चैतू उर्फ श्याम दादा मौके से भाग निकलने में कामयाब हो गया, लेकिन उसे कवर फायर देने वाले नक्सली ही अपनी जान से हाथ धो बैठे। मुठभेड़ के बाद मौके पर सर्चिग के दौरान नक्सलियों के शवों के साथ जवानों ने एके-47, एसएलआर, इंसास, 303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर, बीजीएल लॉन्चर सहित अन्य विस्फोटक बरामद किया गया है। मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में इनकी शिनाख्त
• 25 लाख के ईनामी जगदीश उर्फ बुधरा, दरभा डिवीजन सचिव रोशन उर्फ भीमा पोडियम, एसीएम सलवम जोगी, केरलापाल एरिया कमेटी डीएकेएमएस अध्यक्ष माड़वी देवे, डिवीजन सीएनएम अध्यक्ष दसरी कोवासी, सुरक्षा
दलम कमांडर हुंगी, पार्टी सदस्य हिड़मे, प्लाटून मेडिकल टीम प्रभारी। रास्तों पर जवानों ने लगा रखा था एंबुश
नेलगुड़ा के डंड्रममेटा की पहाड़ी पर नक्सलियों के कैंप के इनपुट पर जवानों ने उनके भागने के सभी रास्तों पर एंबुश लगा रखा था। नेलागुड़ा, उपमपल्ली व निलावाया गांव की ओर सुरक्षाबलों ने पहाड़ी को घेरा। नक्सली बचने के लिए नेलगुड़ा की ओर भागने लगे।
महिला जवानों ने भी संभाला मोर्चा
मुठभेड़ में महिला जवानों ने भी बराबरी और आक्रामकता से हिस्सा लेकर नक्सलियों को मार गिराया है। महिला जवानों की मानें तो नक्सलियों ने पूरे बस्तर की शांति को खराब की है। ऐसे में उनके प्रति किसी भी प्रकार की कोई संवेदनशीलता नहीं होनी चाहिए। पहाड़ों की श्रृंखला नक्सलियों की पनाहगाह
गोगुंडा से उपमपल्ली तक पहाड़ों की श्रृंखला नक्सलियों की पनाहगाह है। यहां नक्सली आते जाते रहते हैं। लंबे समय के बाद नक्सलियों की टीम यहां पहुंची थी। पुलिस कैंप खुलने के बाद से नक्सलियों ने ग्रामीणों की बैठक लेनी बंद कर दी। वे संगठन से जुड़े भरोसेमंद कैडर से संपर्क करते रहते हैं। इसलिए इलाके में नक्सलियों की गतिविधियों की जानकारी भी नहीं मिल पाती है। मुठभेड़ के बाद कंधे पर मारे गए नक्सली का शव लेकर फोन पर बात कर रहा जवान अपने परिवार को अपनी सलामती की खबर दे रहा है।