2025 के लिए पीएयू की योजनाओं पर चर्चा, सतत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने का संकल्प

भास्कर न्यूज | लुधियाना पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) द्वारा मंथली रिव्यू मीटिंग का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता वाइस चांसलर डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने की। जिसमें पीएयू के मुख्य परिसर, कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और अनुसंधान स्टेशनों के डीन, निदेशक, संकाय सदस्य और एक्सटेंशन साइंटिस्ट शामिल हुए। डॉ. गोसल ने सभी को नए साल की बधाई दी और 2024 में यूनिवर्सिटी के द्वारा हासिल की गई महत्वपूर्ण उपलब्धियों की सराहना की। इनमें पंजाब सरकार से अनुसंधान अवसंरचना के लिए 40 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक अनुदान राशि और एनआईआरएफ 2024 में 75 एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में पीएयू टॉप पोजीशन लेने में सफल रहा। उन्होंने टीम को प्रेरित किया कि वे अपने रिसर्च को स्थिरता और किसानों की भलाई के दिशा में केंद्रित करें। साथ ही एंटरप्रेन्योरशिप और सहयोग पर जोर दिया। डॉ. गोसल ने डिजिटल कृषि को आगे बढ़ाने, शून्य जलन कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और यूनिवर्सिटी में समावेशित तथा लिंग समानता को मजबूत करने का आह्वान किया। बैठक में यूनिवर्सिटी के प्रमुख व्यक्तियों ने 2025 के लिए अपने दृष्टिकोण और योजनाओं पर चर्चा की। डायरेक्टर रिसर्च डॉ. अजमेर सिंह ढट्ट ने कृषि और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए नवाचारी रणनीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत की। डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डॉ. मक्खन सिंह भुल्लर ने किसानों की आय बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और ग्रामीण जीवनयापन को सुदृढ़ करने के लिए पहलों पर जोर दिया। बैठक में पिछले महीने की कार्रवाई रिपोर्ट की भी समीक्षा की गई, जिसे एडिशनल डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डॉ. जीपीएस सोढी ने प्रस्तुत किया। चर्चा के मुख्य विषयों में गेहूं में पिंक स्टेम बोरर की जैव नियंत्रण प्रबंधन, कपास के अचानक पीलेपन की समस्या, कीट प्रबंधन रणनीतियां, धान की पराली का प्रबंधन, जैव-उर्वरक की बिक्री, और तिलहन व दलहन की खेती को बढ़ावा देना शामिल था। बैठक का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि आगामी चुनौतियों का समाधान किया जाएगा, सतत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।

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