3 महीने में ATM बदल 14 लोगों से ठगी:शहर के सात एटीएम सबसे खतरनाक, 22 लाख की हो चुकी ठगी, टारगेट पर महिला व बुजुर्ग

केस-1 : एटीएम में पीछे खड़ा था फ्रॉड, कार्ड फंसा तो कराया फोन बिरसा चौक स्थित कटहल कोचा गली निवासी राम बाबू सिंह से 69 हजार की ठगी कर ली गई। उन्होंने कहा कि 5 जनवरी को बिरसा चौक के पास बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम से पैसा निकालने पहुंचे थे। मशीन में कार्ड फंस गया। पीछे एक युवक खड़ा था। उसने सामने लिखे नंबर पर फोन करने को कहा। हिनू चौक बुलाया, बाद में एटीएम पहुंचे तो कार्ड गायब था। केस-2 : ठगी की आशंका होने पर कार्ड ब्लॉक कराया पंडरा निवासी शशि कुमार ने कहा कि 24 अक्टूबर को तेल मिल गली स्थित बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से पैसा निकालने पहुंचा था। मशीन में कार्ड डालते ही फंस गया। सामने लिखे नंबर पर कॉल किया। एक गार्ड का नाम बताते हुए नजदीकी ब्रांच में जाने को कहा। एटीएम के सामने स्थित ब्रांच पहुंचकर जब पता किया तो उस नाम का कोई गार्ड नहीं था। इसके बाद ​तुरंत कार्ड ब्लॉक कराया। इससे पैसे बच गए। ये दो ऐसे महज उदाहरण हैं। जो रांची में सक्रिय एटीएम बदलने वाले गिरोह के शिकार हुए। आए दिन लोग शिकार हो रहे हैं। तीन महीने से एक्टिव है ग्रुप राजधानी में बीते 3 माह से एटीएम बदलकर खाते से पैसे गायब करने वाला गिरोह सक्रिय है। इनकी ऐसे एटीएम पर नजर होती है, जो सुनसान जगहों पर हैं या बिना सिक्योरिटी गार्ड के हैं। इन जगहों पर लगे एटीएम के कियोस्क में गिरोह के सदस्य अपना मोबाइल नंबर लिखते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति वहां पैसे निकालने जाता है, उसका कार्ड फंस जाता है। वो घबराकर कियोस्क में लिखे नंबरों पर फोन करता है। इसी वजह से वे इन साइबर ठगों के चक्कर में फंस जाता है। गिरोह के सदस्य एटीएम के बाहर ही रहते हैं। कार्ड फंसने पर मदद करने की बात कह आम लोगों को झांसे में लेता है। फिर पलक झपकते ही उस व्यक्ति का डेबिट कार्ड बदल लेता है और इधर-उधर की बातें करते हुए निकल जाता है। जब ​तक व्यक्ति को पता चलता है, उसके खाते से पैसे निकल गए होते हैं। तीन महीने में 14 लोगों को बनाया शिकार साइबर अपराधियों ने पिछले 3 महीने में 14 लोगों का एटीएम बदलकर 22 लाख से अधिक की निकासी या सामानों की खरीदारी की है। इन घटनाओं को लेकर अलग-अलग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। कुछ मामलों में जांच के दौरान बदले गए एटीएम से खरीदारी या निकासी का सीसीटीवी फुटेज भी मिला है। बावजूद पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही है। 15 जनवरी को आईजी अखिलेश झा ने एटीएम बदलकर ठगी करने वाले लंबित कांडों की समीक्षा करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। टारगेट पर महिला व बुजुर्ग, ठगी कर बदल लेते हैं ठिकाना एटीएम से पैसा निकालने के लिए पहुंचने वाली महिला या बुजुर्ग को साइबर अपराधी सबसे ज्यादा निशाना बनाते हैं। कई बार साइबर फ्रॉड खाताधारक को पैसा निकलवाने के बाद कार्ड बदल देता है। पैसा लेकर जब चले जाते हैं तो थोड़ी देर बाद अन्य ट्रांजैक्शन की जानकारी मिलती है। एक एटीएम में कार्ड बदलकर ठगी करने के बाद साइबर फ्रॉड अपना ठिकाना बदल देता है। हेल्पलाइन नंबर लिखकर लगाया गया खुद का नंबर भी वहां से हटा देता है, ताकि पकड़ा नहीं जाए। एटीएम में कार्ड फंसे तो ऐसा करने से बचें

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