राजस्थान के दौसा जिले में बोरवेल में गिरे आर्यन(5) को 3 दिन बाद बाहर निकाला जा सका। बुधवार की रात करीब 12 बजे मासूम को बाहर निकालते ही मेडिकल टीम सीधे जिला हॉस्पिटल लेकर पहुंची। लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन ने महज 30 मिनट बाद ही क्लियर कर दिया कि मासूम की सांसें थम चुकी है। गुरुवार की सुबह मासूम के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ। जिसकी रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सामने आया कि बच्चे के हाथ पर मामूली चोट के निशान के अलावा बॉडी में कहीं कोई फैक्चर नहीं था। उसकी मौत पानी में डूबने से हुई है। जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा ने बताया- बच्चे की श्वास नली में पानी भर गया था, जिससे डूबने से उसकी मौत हो गई। जब बच्चा बोरवेल में गिरा था, तब बोरवेल में 147 फीट पर अटक गया था। तब पानी उससे करीब 6 फीट नीचे था। इस बीच अलसुबह इलाके में मोटरों से पानी का दोहन बंद कर दिया गया। जिससे बोरवेल में पानी का लेवल बढ़ा और मासूम उसमें डूब गया। इसके बाद मोटर फिर से चालू हुई तो भूजल स्तर फिर से तेजी से गिरा। ऐसे में गिरने के 20 से 21 घंटे बाद ही आर्यन की मौत हो गई थी। 36 घंटे पहले थम चुकी थी सांसें
एनडीआरएफ टीम के अनुसार- मंगलवार तड़के 3 बजे बोरवेल में फंसे बच्चे के शरीर में अंतिम बार हलचल देखी गई थी। जबकि मंगलवार सुबह करीब 9 बजे बचाव टीम द्वारा कैमरा डालने के दौरान बच्चे की बॉडी में मूवमेंट नहीं देखा गया। बच्चे को बाहर निकलने से 36 घंटे पहले तक किसी प्रकार की हलचल नहीं थी। ऐसे में मासूम की मौत मंगलवार की सुबह होने की संभावना जताई गई है। मां को समझाते रहे, हॉस्पिटल लेकर गए है
मासूम को बाहर निकालते ही एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एम्बुलेंस से हॉस्पिटल ले जाया गया। सूचना मिलते ही मां गुड्डी देवी रोते हुए चीखने लगी और बेटे को देखने की जिद करने लगी। पति जगदीश प्रसाद मीणा समेत रिश्तेदारों ने उसे समझाया कि उसे इलाज के लिए हॉस्पिटल लेकर गए है, घर में इलाज नहीं हो सकता था। यह सुनते सुनते ही मां बेसुध होकर बेहोश हो गई। दूध की बोतल लेकर बेटा रहा पिता
बेटा आर्यन भूखा और प्यासा है, इसे सोचकर पिता जगदीश प्रसाद मीणा बोरवेल के पास हर दिन बोतल में गर्म दूध लेकर बैठे रहे। लेकिन रेस्क्यू टीम के इनकार करने के बाद वह सुबह होते ही दूर चले गए और फिर घर से गर्म दूध करवाकर वापस लौटे। उन्हें उम्मीद थी कि बेटा आर्यन बाहर आएगा और वह भूखा होगा, जिसे दूध की जरूरत होगी। लेकिन 57 घंटे बाद उनकी उम्मीद टूट गई। मां के सामने ही बोरवेल में गिरा था आर्यन
आर्यन सोमवार (9 दिसंबर) को दोपहर तीन बजे दांगड़ा ढाणी स्थित अपने घर से करीब 100 फीट दूर बोरवेल में गिर गया था। वह मां के साथ ही खेल रहा था, लेकिन जब तक उसकी मां उसे पकड़ पाती वह बोरवेल में फिसल गया। परिवार ने ये बोरवेल करीब तीन साल पहले खुदवाया था। हालांकि, इसमें मोटर फंसने के कारण यह काम नहीं आ रहा था, लेकिन इसे बंद नहीं करवाया गया। अब देखिए रेस्क्यू की तस्वीरें… बोरवेल में गिरे आर्यन से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए…
1. ‘पता नहीं था बेटे के लिए मुसीबत बन जाएगा बोरवेल’:पिता बोले-खेती छोड़ देता, दूसरा काम कर लेता; मां बोली-मेरा बच्चा मुझे सलामत लौटा दो पिता की आंखें टकटकी लगाए बोरवेल को देख रही हैं। उनका कहना है- पता नहीं था यह बोरवेल एक दिन मेरे बेटे के लिए मुसीबत बन जाएगा। अगर ये पता होता तो खेती करना ही छोड़ देता। कुछ और काम कर लेता। पिता बार-बार दूध की बोतल लेकर बोरवेल के पास जा रहे हैं, न जाने कब 147 फीट गहराई में फंसे बेटे आर्यन को पिलाना पड़ जाए। पूरी खबर पढ़िए… 2. बोरवेल में गिरा बच्चा मशीन पर अटका,रेस्क्यू के दो ऑप्शन:जिस मशीन के फंसने से बंद पड़ा था ट्यूबवेल; उसी पर टिका मासूम, क्या आ रही मुश्किल?
मासूम को बाहर निकालने के केवल 2 ही रास्ते बचे हैं। पहला बोरवेल के ऊपर से रिंग डालकर, ताकि किसी तरीके से वह उसमें अटक जाए और खींचकर ऊपर निकाला जाए। इसके कई प्रयास फेल हो चुके हैं। दूसरा रास्ता ये है कि बोरवेल के पास ही सुरंग खोदकर नीचे उतरा जाए। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या-क्या मुश्किलें सामने आ रही हैं? कौनसे प्रयास विफल हो चुके हैं? पूरी खबर पढ़िए…