43 मोस्ट-वांटेड नक्सल लीडर्स की प्रोफाइल:तेलंगाना-कर्नाटक समेत 6 राज्यों में एक्टिव; बसवाराजू के बाद मुपल्ला-महेश, प्रभाकर और हिड़मा फोर्स के निशाने पर

छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों के खात्मे के लिए लगातार एनकाउंटर जारी है। फोर्स ने 2024 से अब तक 402 नक्सलियों को मार गिराया है। इसमें 10 करोड़ का इनामी नक्सली बसवाराजू भी शामिल है। बसवाराजू के एनकाउंटर के बाद उसकी जगह लेने वाले लीडर्स की तलाश नक्सल संगठन को है। लाल आतंक के खात्मे के लिए 43 नक्सलियों को मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शामिल किया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ से 25 नक्सली, तेलंगाना से 4, आंध्रप्रदेश से 5, कर्नाटक से 2, ओडिशा से 3 और झारखंड से 4 नक्सली लीडर्स शामिल हैं। मोस्ट वांटेड नक्सल लिस्ट में नम्बाला केशव राव, मुपल्ला लक्ष्मण राव, मलोजुल्ला, मिशिर बेसरा, माड़वी हिड़मा और थिप्पारी तिरुपति समेत 43 नक्सली हैं। इनमें से कई नक्सलियों के झीरम कांड में भी शामिल होने की जानकारी है। सभी नक्सलियों पर 1 से डेढ़ करोड़ का इनाम है, जो अभी एक्टिव हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सल आतंक फैलाने वाले कौन-कौन से लीडर एक्टिव हैं, इसको लेकर दैनिक भास्कर ने सुरक्षा एजेंसियों से चर्चा की। सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने नक्सल लीडर्स की जानकारी साझा की है। पढ़िए इस रिपोर्ट में कौन सा नक्सल लीडर कहां एक्टिव, जो फोर्स के टॉप लिस्ट में है। देखिए टॉप नक्सल लीडर्स की प्रोफाइल जो फरार हैं, जिनकी तलाश फोर्स कर रही है। मुपल्ला पर केस 2012 में भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रची। आरोपी सदुला रामकृष्ण (A-1) और दीपक कुमार (A-2) ने सुकुमार मंडल (A-3), शंभु चरण पाल (A-4), बापी मुड़ी (A-5) की सहायता से कोलकाता में हथियार खरीदे। इसी तरह असिमकुमार भट्टाचार्य (A-6), दिनेश कैलाश वानखेड़े (A-7), पारु अर्जुन पटेल (A-8), सुमन मंगलसिंह गावड़े (A-9) की सहायता से मुंबई में हथियार और गोला-बारूद बनाने के लिए सामग्रियां खरीदी। तैयार माल को रायपुर (छत्तीसगढ़) में परिवहन कंपनियों के माध्यम से भेजा। 2012 से फरार है। महेश पर केस 2014 में महेश ने अपने साथियों के साथ पुलिस अधिकारी के घर में हमला बोला। उसे इस्तीफा देने की धमकी दी। पुलिस अधिकारी की बाइक में आग लगा दी। 2014 से फरार है। सुंदरी पर केस 2014 में सुंदरी ने अपने साथियों के साथ पुलिस अधिकारी के घर में हमला बोला। उसे इस्तीफा देने की धमकी दी। पुलिस अधिकारी की बाइक में आग लगा दी। 2014 से फरार है। तिरूपति पर केस 2012 में भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रची। अपने साथियों की सहायता से मुंबई में हथियार और गोला-बारूद के निर्माण के लिए मिली सामग्रियों और खरीदे गए माल को छत्तीसगढ़ भेजा 2012 से फरार है। बालमुरी पर भी थिप्पिरि तिरूपति की तरह भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने का केस है। वह भी 2012 से फरार है। सोमजी पर भी बाकी साथियों की तरह ही युद्ध छेड़ने की साजिश रचने का केस है। वह भी 2012 से फरार है। गजरला पर केस 10 फरवरी 2012 को गजरला रवि ने अपने साथियों के साथ बीएसएफ की टीम पर हमला किया। कमांडेंट सहित तीन जवानों को मार दिया और उनके हथियार लूट लिए। 2014 से फरार है। छत्तीसगढ़ में एक्टिव है। दुबाशी शंकर पर केस 10 फरवरी 2012 को दुबाशी शंकर ने अपने साथियों के साथ बीएसएफ की टीम पर हमला किया। कमांडेंट सहित तीन जवानों को मार दिया और उनके हथियार लूट लिए। 2014 से फरार है। छत्तीसगढ़ में एक्टिव है। जलुमुरी श्रीनु बाबू भी बीएसएफ की टीम पर हमला करने वाले नक्सलियों में शामिल था। 2014 से फरार है। छत्तीसगढ़ में एक्टिव है। मेट्टूरू जोगा राव भी बीएसएफ की टीम पर हमला करने वाले नक्सलियों में शामिल था। 2014 से फरार है। छत्तीसगढ़ में एक्टिव है। दबा माधी भी बीएसएफ की टीम पर हमला करने वाले नक्सलियों में शामिल था। 2014 से फरार है। छत्तीसगढ़ में एक्टिव है। मुका सोढ़ी बीएसएफ की टीम पर हमला करने वाले नक्सलियों में शामिल था। केस: खिल्लो रंजू बीएसएफ की टीम पर हमला करने वाले नक्सलियों में शामिल था। सोमा सोढ़ी पर केस 25 मई 2013 को सोमा सोढ़ी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हमला किया। NH 221 के पास झीरम घाटी के पहाड़ी क्षेत्र में हुए हमले में 27 लोग मारे गए। इनमें 10 पुलिसकर्मी शामिल थे, जबकि 38 लोग घायल हुए। इस हमले के दौरान एक 9 मिमी पिस्तौल, 2 मैगजीन और 20 राउंड गोलियां लूटी गई। इसके अलावा 2 AK-47 राइफल, 14 मैगजीन और 455 राउंड गोलियों के साथ, 10 हैंड ग्रेनेड और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी लूट लिए। केस: बरसे सुक्का भी झीरम घाटी हमले में शामिल था। केस: सप्पो हुंगा भी झीरम घाटी हमले में शामिल था। केस: जयलाल मंडावी भी झीरम घाटी में कांग्रेस की यात्रा पर हुए हमले में शामिल था। केस: कुम्मे मोडियाम भी झीरम घाटी हमले में शामिल थी। केस: पाका हनुमंतु भी झीरम घाटी हमले में शामिल था। कुछ और नक्सल लीडर्स की प्रोफाइल जो दूसरे केस में फरार हैं प्रयाग मांझी पर केस झारखंड के रांची जिले में जुलाई 2008 में जेडीयू विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या सीपीआई (एम) के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई। इस वारदात में प्रयाग मांझी का भी नाम आया। यह मामला पहले रांची के बुंडू थाना में दर्ज हुआ था। बाद में भारत सरकार के आदेश पर एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने इसे 30 जून 2017 को अपने हाथ में लेकर जांच शुरू की। वर्तमान में जांच जारी है। प्रयाग मांझी वारदात के बाद से फरार है। छत्तीसगढ़ में इसके मूवमेंट की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को है। ———- लक्ष्मण कोर्राम पर केस 11 मार्च 2014 को 80वीं बटालियन CRPF और थाना टोंगपाल की पुलिस पार्टी पर साथियों के साथ हमला किया। ROP (रोड ओपनिंग पार्टी) पर निकले जवानों पर लगभग 100 माओवादियों ने फायरिंग की। दोनों के बीच लगभग एक घंटे तक मुठभेड़ हुई, जिसमें 15 जवान शहीद हो गए। एक नागरिक की भी मौत हो गई। माओवादियों ने सुरक्षाबलों के हथियार लूट लिए, जिनमें 6 AK-47 (जिनमें से 3 में यूबीजीएल लगे थे), 1 INSAS एलएमजी, 8 INSAS राइफल और 2 एसएलआर शामिल थे। ———- ——— सभी की हमारे पास स्पष्ट सूचना: IG सुंदरराज पी. बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने दैनिक भास्कर को बताया, कि प्रतिबंधित संगठन के सभी सदस्यों की स्पष्ट जानकारी हमारे पास है। के रामचंद्र रेड्‌डी, गणपति, हिड़मा, सुजाता, गणेश उइके और वासुदेवा की स्पष्ट जानकारी है।

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