5 साल बाद भी नहीं बनी 109 करोड़ की सड़क:वन भूमि से मुरुम भी निकाली, पूर्व वन-मंत्री के भाई की कंपनी कर रही काम

गरियाबंद के राजिम क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सड़क परियोजना विवादों में घिर गई है। पाण्डुका से जतमई होते हुए मुड़ागांव तक 37.7 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 2019 में शुरू हुआ था। लोक निर्माण विभाग के एडीबी प्रोजेक्ट के तहत 109 करोड़ रुपए की यह परियोजना पूर्व वन मंत्री के भाई असगर खान की रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंपी गई थी। यह काम 2022 तक पूरा होना था। वन भूमि की अनुमति में देरी के कारण समय सीमा 2024 तक बढ़ाई गई। लेकिन अब भी जतमई के पास लगभग ढाई किलोमीटर घाटी का काम अधूरा है। स्थानीय भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रीतम सिन्हा ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी का आरोप लगाया है। वन अधिकार पट्टे की जमीन से मुरुम की खुदाई विशेष चिंता का विषय यह है कि 2022 से अवैध खनन का सिलसिला जारी है। रवेली में वन अधिकार पट्टे की जमीन से मुरुम की खुदाई की जा रही है। रवेली के अलावा पाण्डुका वन परिक्षेत्र में आने वाले तौरेंगा, मड़ेली, खड़मा, पंडरीतराई, गाय डबरी जैसे दर्जन भर स्थानों में मुरुम खोदा गया। वन भूमि के अलावा राजस्व भूमि का भी हिस्सा आता है। खदान के लिए पेड़ गिराने के अलावा जंगल आने जाने के लिए भी पेड़ों को धरासाई कर रास्ता बनाया गया। दावा- मई 2025 तक पूरा हो जाएगा काम परियोजना के लिए नियुक्त इंजीनियर किसलया चक्रवर्ती का कहना है कि काम मई 2025 तक पूरा हो जाएगा। उनका दावा है कि निर्माण सामग्री की नियमित लैब टेस्टिंग की जा रही है। लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि गुणवत्ता जांच महज औपचारिकता है और अमानक सामग्री का बेखौफ इस्तेमाल किया जा रहा है। मामले से डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने पहले तो अनभिज्ञता जाहिर किया, फिर उन्हें स्थलों का वीडियो फोटो दिखाया गया। डीएफओ सिंह ने रेंजर से कॉन्टैक्ट कर सच्चाई जानने की कोशिश की तो मातहतों ने भी उन्हें गुमराह कर दिया। हालांकि, डीएफओ ने मामले में जांच कर उचित कार्रवाई करने की बात कही है। पिचिंग बोल्डर तोड़ रहे, खनिज विभाग अनजान प्रभाव शाली ठेकेदार के इस काम में माइनिंग और राजस्व भी भारी मेहरबान है। ठेका कंपनी का 2020 में साकरा में बड़े झाड़ जंगल में अपना प्लांट स्थापित करने में सफल हो गया। प्रशासनिक मेहरबानी के चलते सड़क किनारे बनाए जा रहे ड्रेनेज वाल में इस्तेमाल होने वाले पिचिंग बोल्डर की तुड़ाई में जंगलों में अवैध तरीके से किया गया है। माइनिंग विभाग के सहायक खनिज अधिकारी रोहित साहू ने भी मामले से अनभिज्ञ है। लेकिन मौके की जांच कर कार्रवाई की बात कही है।

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