50 बार ठेपा लगाने पर एक का ई-केवाईसी हो रहा, एक दिन में तीन-चार का ही अपडेट हो रहा, राशन कार्डधारी परेशान

राशन कार्डधारियों का ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए 31 मार्च की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। इस बीच सभी पीडीएस दुकानों में लोग ई-केवाईसी करवाने के लिए मशक्कत कर रहे हैं। सभी पीडीएस दुकानों में सुबह राशनकार्डधारी पहुंच रहे हैं, लेकिन सर्वर काफी धीमा काम करने की वजह से पीओएस मशीन काम नहीं कर रही है। डोरंडा के मिस्त्री मोहल्ले के राशन दुकानदार संजय कुमार ने कहा कि पिछले तीन दिनों से सर्वर का बहुत ही बुरा हाल है। सुबह से शाम तक इस 2जी ए-पॉश मशीन में सर्वर काम नहीं कर रहा है। शाम के वक्त कुछ ठीक काम करता है। तब भी कार्डधारियों को कई घंटे लग जाते हैं। ऐसे में हम एक दिन में 3 से 4 ही लोगों का ई-केवाईसी कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैसे तो सर्वर हमेशा ही खराब काम करता है, लेकिन पिछले 3 दिनों से एकदम काम नहीं कर रहा है। सुबह से ही कार्डधारी पहुंचे रहते हैं। कई लोग तो सुबह से दोपहर तक इंतजार करते हैं। जब सर्वर थोड़ा ठीक होता है तो कार्डधारी को 50 बार से ज्यादा ठेपा लगाना पड़ता है, तब जाकर एक का ई-केवाईसी पूरा होता है। उन्होंने कहा कि शाम के समय कुछ लोग आते हैं तो उनमें से कुछ लोगों का काम हो पाता है। बढ़ाई जा सकती है अंतिम तिथि : मालूम हो कि पूरे राज्य में 80 लाख से ज्यादा कार्डधारियों का ई-केवाईसी अभी तक नहीं हो पाया है। यदि इनका केवाईसी नहीं होगा तो राशन कार्ड से नाम कट जाएगा और इन्हें केंद्र सरकार से मिलने वाले अनाज का लाभ नहीं मिल पाएगा। ऐसे में पीडीएस दुकानदारों का यह कहना है कि ई-केवाईसी की अंतिम ति​िथ जो 31 मार्च है, उसे बढ़ाया जा सकता है। सर्वर काम नहीं कर रहा… घर-घर जाकर केवाईसी कर रहे अपडेट पंकज कुमार झंडाचौक स्थित पीडीएस दुकानदार पंकज कुमार ने कहा कि सर्वर एकदम काम नहीं कर रहा है। पीओएस मशीन में कई बार ठेपा लगाने पर भी नहीं हो पा रहा है। हमलोग घर-घर जाकर केवाईसी अपडेट करा रहे हैं। क्या कहते हैं कार्डधारी कोकर निवासी कार्डधारी अमित कुमार ने कहा कि उसे केवाईसी अपडेट कराने के लिए दो से तीन दिन तक राशन दुकान में चक्कर लगाना पड़ा। अंत में दोपहर के समय में 25 बार अंगूठा लगाने के बाद हो सका। कोकर निवासी कार्डधारी बंटी कुमार ने बताया कि जब मैं अपने दुकानदार के पास ई-केवाईसी कराने गया तो कई लोगों को लौटना पड़ा। क्योंकि, सर्वर बहुत धीमे चल रहा था। इक्का-दुक्का लोगों का ही हो सका।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *