500 रुपए के लिए बनाया बंधक:आदिवासी युवतियों को एम्स में नौकरी देने का झांसा देकर बुलाया रायपुर

एम्स में नौकरी का झांसा देकर कांकेर की तीन आदिवासी युवतियों को रायपुर बुलाया गया। उनसे 500-500 रुपए फीस ली गई। उसके बाद एक मकान में बंद कर रखा गया। एक युवती ने काम करने से मना किया और घर जाने की बात कही तो उसे धमकी दी। उससे 500 रुपए मांगा गया। पैसा नहीं देने पर पांच दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया। युवती ने किसी तरह अपने रिश्तेदार से संपर्क किया। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस की टीम ने युवतियों को ढूंढ निकाला। उनका रेस्क्यू कर परिजनों को सौंप दिया है। तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि भानुप्रतापपुर निवासी सपना गावर्ड(18)धमतरी के एक छोटे से कपड़ा दुकान में काम करती थी। वहां उसे कम वेतन मिलता था। सोशल मीडिया में एक दिन वह रील्स देख रही थी। एक रील में एम्स में नौकरी लगाने का दावा किया गया। उसमें दिए नंबर पर सपना ने संपर्क किया गया। वह नंबर रायपुरा की जया यादव का था। उसने झांसा दिया कि एम्स में उनकी पहचान है। वहां नौकरी लगा देगी। सपना अपनी दो सहेलियों के साथ 8 दिसंबर को रायपुर आ गई। वह ऑटो से रायपुर पहुंची। यहां उन्हें महावीर वर्मा मिला। वह तीनों को एक मकान में ले गया, जहां जया और फलेश साहू मिले। तीनों मां काली होम केयर सर्विस के नाम से एजेंसी चलाते है। इन्हीं तीनों ने बनाया था बंधक। तीनों को एक फार्म दिया गया। 500-500 रुपए फीस जमा कराई गई। दो लड़कियों को ट्रेनिंग के नाम पर दो घरों में मरीज की देख-रेख के लिए भेज दिया। सपना को काम समझ नहीं आया, क्योंकि एम्स में नौकरी की बात कही गई थी, लेकिन घरों में भेज रहे थे। उसने मना कर दिया। उन्होंने सपना को तीन दिनों तक मकान में बंद कर रखा गया। घर में बाहर से ताला लगा दिया जाता। सपना ने किसी अपने एक परिचित से बुधवार को संपर्क किया। उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस की टीम गुरुवार को तीनों लड़कियों को ढूंढते हुए पहुंची और उन्हें छुडवाया। जया, फलेश और महावीर को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें कुछ और लोग शामिल हैं। उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि आरोपी होम केयर सर्विस चलाते है। नौकरी का झांसा देकर आदिवासी और ग्रामीण अंचल के लोगों को बुलाकर काम कराते हैं।

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