भास्कर न्यूज | बस्तर सड़क के नाम पर बड़े-बड़े गड्ढे और कीचड़, बारिश में तो सड़क पर चलना मुश्किल है। ऐसा नहीं है कि सड़क के जर्जर होने की जानकारी इलाके के जनप्रतिनिधियों को नहीं है सभी को समस्या का पता है लेकिन समाधान नहीं हो रहा है। जिला मुख्यालय के कुछ दूरी पर स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग से लगे कोलचूर गांव तक पहुंचने के लिए दो किमी का सफर लोगों को तय करना पड़ता है इस दो किमी के सफर के लिए सड़क बस नाम भर की बनाई गई है। सड़क के नाम पर इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे मौजूद हैं। बारिश में इन गड्ढों में पानी भर जाता है और पूरी सड़क कीचड़ से सन जाती है। सड़क पर चलना और सुरक्षित गांव तक पहुंचना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इस सड़क को बनाने की मांग पिछले तीस साल से चल रही है। सड़क का निर्माण पीएमजीएसवाई योजना के तहत होना है लेकिन सड़क निर्माण नहीं हो पा रहा है। सड़क की मांग करते-करते ग्रामीण थक चुके हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि सड़क की मांग की जब शुृरूआत हुई थी तब से लेकर अब तक कांग्रेस और भाजपा के तीन-तीन विधायक बदल चुके हैं लेकिन उनकी मांग जस की तस बनी हुई है। इसी तरह टिकरालोंहागा से चिरईपदर तक की सड़क भी जर्जर हो गई है। इसका भी निर्माण नहीं हो पा रहा है। सड़क के नहीं होने से इन गांवों के लोगों के साथ-साथ आसपास के 20 से ज्यादा गांवों के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। -बस्तर से अशोक हरदाहे की रिपोर्ट