7000 करोड़ रुपए से बदलेगा रिम्स, डीपीआर पर बनी सहमति: डॉ. इरफान

रिम्स-टू का जल्द बनेगा डीपीआर, जमीन को लेकर कोई विवाद नहीं, निर्माण पर खर्च हो 11000 करोड़ स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सोमवार को विभागीय अफसरों के साथ अहम बैठक की। उन्होंने खास तौर पर पुराने रिम्स आैर राज्य के विभिन्न सदर अस्पतालों के जीर्णोद्धार एवं रिम्स-टू के निर्माण पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिशा-निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग राज्य में लोगों को ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयासरत है। बताया कि सीएम पुराने रिम्स का जीर्णोद्धार एवं रिम्स-टू का निर्माण जल्द करना चाहते हैं। 7000 करोड़ रुपए की लागत से पुराने रिम्स का बदलाव किया जाएगा। विभागीय अफसरों के साथ हुई बैठक में पुराने रिम्स के डीपीआर पर सहमति बन गई। इसपर अब मुख्यमंत्री की सहमति ली जाएगी। डॉ. अंसारी ने बताया कि रिम्स-टू के लिए भी डीपीआर जल्द से जल्द बनाने पर सहमति बनी है। इसके लिए 11000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है। फिलहाल डीपीआर बनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि रिम्स-टू की जमीन को लेकर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के साथ विवाद था। जहां रिम्स-टू बनना है, उसे बीएयू अपना बता रहा है। जबकि, वह जमीन स्वास्थ्य विभाग के तहत रिनपास की है। इसका उल्लेख खतियान में भी है। इसलिए, अब कोई विवाद नहीं है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार व कृषि विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दीख पी मौजूद थे। 100 बेडवाले सदर अस्पताल को 300 बेड किया जाएगा डॉ. इरफान अंसारी ने बताया कि सोमवार को उनकी अध्यक्षता में हुई विभागीय अफसरों की बैठक में राज्य के सदर अस्पतालों के जीर्णोद्धार का भी प्रस्ताव पारित किया गया है। जिन जिलों में सदर अस्पताल 100 बेड का है, उसे 300 बेड का किया जाएगा। इससे जामताड़ा, पाकुड़, गिरिडीह और अन्य सदर अस्पतालों में बेड बढ़ाया जा सकेगा। डॉ. अंसारी ने बताया कि सारे प्रस्तावों को मुख्यमंत्री के समक्ष ले जाया जाएगा, उनकी सहमति मिलते ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

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