लंबे समय से बसों की कमी से जूझ रहे राजस्थान रोडवेज में आगामी महीनों में नई बसें जुड़ेंगी। इसके साथ ही अब रोडवेज प्रशासन ने प्रमुख रूटों पर बसें बढ़ाने की शुरुआत भी कर दी है। जल्द ही रोडवेज प्रशासन प्रमुख रूटों पर एसी बसों की फ्रिक्वेंसी बढ़ाएगा। दरअसल पिछले दिनों रोडवेज प्रशासन द्वारा जयपुर से उत्तराखंड के हल्द्वानी और उत्तर प्रदेश के गोवर्धनजी के लिए बसें शुरू की गई हैं। इन बसों में अच्छा यात्रीभार मिलने से रोडवेज प्रशासन खुश है। अब इसी तरह के नए शहरों के लिए बसें शुरू की जाएंगी। इनमें राज्य के बाहर और राज्य के अंदर दोनों तरह के रूटों पर बसें चलाई जाएंगी। ऐसे में जयपुर से जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, आबूरोड, सहित अन्य शहरों के लिए एसी बसें बढ़ाई जा सकती हैं। वहीं राज्य के बाहर यूपी, चंडीगढ़, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के लिए बसें शुरू की जा सकती हैं। बजट में रोडवेज प्रशासन को 2 साल में 500 नई बसें खरीदने और 800 बसें सर्विस मॉडल पर लेने की मंजूरी दी गई थी। इसी दिशा में रोडवेज प्रशासन इन 1300 बसों में से इसी साल 800 बसें लेगा। इनमें से 300 बसें खरीदी जाएंगी, जबकि 500 बसें अनुबंध पर ली जाएंगी। 288 बसें ब्लू लाइन 3×2 और 12 वॉल्वो श्रेणी की बसें खरीदेंगे, 20 सुपर लग्जरी अनुबंध पर इलेक्ट्रिक बसें मिलने से दिल्ली-एनसीआर बस चलाने में नहीं आएगी परेशानी रोडवेज प्रशासन द्वारा इलेक्ट्रिक बसें लेने का फैसला रोडवेज के लिए आर्थिक रूप से नुकसानदायक साबित हो सकता है। दरअसल, रोडवेज प्रशासन को इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के प्रति किलोमीटर ₹45 मिलेंगे, जबकि निजी कंपनियों को रोडवेज प्रशासन को करीब 70 रुपए प्रति किमी की दर से भुगतान करना होगा। इस तरह रोडवेज को प्रति किमी करीब 25 रुपए का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इलेक्ट्रिक बसें मिलने से रोडवेज प्रशासन के लिए दिल्ली एनसीआर में बसें संचालित करने में सुविधा रहेगी। ये बसें दिल्ली शहर के अंदर तक जा सकेंगी। रोडवेज प्रशासन बसें अनुबंध पर लेने और खरीदने के लिए जल्द ही निविदा प्रक्रिया शुरू करेगा।रोडवेज सूत्रों की मानें तो यह प्रक्रिया इसी माह शुरू की जा सकती है। रोडवेज के बेड़े में बसें बढ़ने से राज्य के बाहर नए शहरों के लिए भी बस संचालन बढ़ाया जा सकेगा। वहीं अनुमति मिलने पर नेपाल के जनकपुर और काठमांडू के लिए भी बस सेवा शुरू की जा सकेगी।