20 से काउंसिलिंग शुरू पिछली सरकार में शिक्षकों की पदस्थापना में हुए विवाद से साय सरकार ने सबक लिया है। इसी कारण प्रदेश में 9 साल बाद 1262 व्याख्याताओं को पदोन्नत कर जिन्हें प्राचार्य बनाया जा रहा है, पहली बार उनकी पोस्टिंग के लिए काउंसिलिंग होगी। यह 20 अगस्त से होगी। इसके साथ इस बार यह व्यवस्था की गई है कि जो पहले से प्रभारी के रूप में कार्यरत थे वे वहीं रहेंगे। शेष प्राचार्यों की पदस्थापना की अच्छे और पारदर्शी तरीके से हो, इसके लिए नई व्यवस्था की गई है। जो व्याख्याता से पदोन्नत होकर प्राचार्य बनाए जा रहे हैं, उनमें से 417 पहले से प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे काउंसिलिंग के बाद भी वहीं रहेंगे। जबकि 845 की पदस्थापना के लिए काउंसिलिंग की जाएगी। इसे लेकर शिक्षा विभाग से तैयारी की जा रही है। जानकारी के मुताबिक प्राचार्य पदोन्नति (टी) संवर्ग के लिए 1335 पद हैं। अप्रैल से जुलाई तक पदोन्नत 73 प्राचार्य रिटायर/मृत हाे चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि काउंसिलिंग में पहले एक वर्ष से कम अवधि के भीतर रिटायर होने वाले प्राचार्यों को मौका दिया गया है। इसी तरह काउंसिलिंग में दिव्यांग (महिला/पुरुष) को प्राथमिकता दी जाएगी। फिर महिला प्राचार्य और फिर पुरुष प्राचार्य को बुलाया जाएगा। बता दें कि पिछली सरकार में शिक्षकों की पदस्थापना पर विवाद की स्थिति बनी थी। शिक्षा विभाग के चार संयुक्त निदेशकों को सस्पेंड किया गया था। शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह फैसला: सीएम
सीएम विष्णु देव साय का कहना है कि तबादलों में पारदर्शी प्रक्रिया बनी रहे, इसलिए सोच-विचार कर काउंसिलिंग का फैसला किया गया है। जिस तरह युक्तियुक्तकरण में छात्रों के हित में फैसले लिए गए, उसी तरह शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह फैसला किया गया है। शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करना सरकार की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है।