IT मंत्री ने बताया नहीं होगा निगम का निजीकरण:SCL मोहाली के आधुनिकीकरण पर खर्च होंगे 4,500 करोड़

सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने सेमी कंडक्टर लेबोरेटरी SCL मोहाली के आधुनिकीकरण और विस्तार पर 4,500 करोड़ रुपए खर्च करने का ऐलान किया है। रविवार को केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री राज्य रवनीत सिंह बिट्टू ने SCL का दौरा कर प्रगति की समीक्षा की। दौरे के दौरान मंत्री ने साफ कहा कि SCL का निजीकरण नहीं किया जाएगा। IT मंत्री ने बताया कि कोई संदेह नहीं SCL मोहाली पूरी तरह मॉडर्न बनेगा और इसे निजी हाथों में नहीं दिया जाएगा। छात्रों द्वारा डिजाइन किए गए 28 चिप्स सौंपे गए कार्यक्रम में 17 संस्थानों के छात्रों द्वारा डिजाइन किए गए 28 चिप्स SCL को सौंपे गए। ये चिप्स सरकार के Chips to Start-up (C2S) प्रोग्राम के तहत EDA टूल्स की मदद से डिजाइन किए गए हैं। इस पहल के तहत अब तक SCL में 56 छात्र-डिजाइन चिप्स तैयार किए जा चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने गैलरी और ट्रेनिंग ब्लॉक का किया उद्घाटन केंद्रीय मंत्री ने दो नई सुविधाओं का भी उद्घाटन किया। जिसमें सेमीकंडक्टर प्रोसेस गैलेरी SPG, पुराने जेनरेशन के फैब्रिकेशन टूल्स से लैस क्लीन रूम लैब, जिससे छात्रों को असली FAB का अनुभव मिलेगा। अभियूथनम ट्रेनिंग ब्लॉक ATB, जिसमें ऑनलाइन-ऑफलाइन सेमीकंडक्टर ट्रेनिंग मॉड्यूल्स और फायर-सेफ्टी की हैंड्स-ऑन सुविधा है, शामिल हैं। SCL के लिए सरकार का रोडमैप मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SCL के भविष्य को लेकर स्पष्ट रोडमैप दिया है। SCL को आधुनिकतम तकनीक के साथ अपग्रेड किया जाएगा। उत्पादन क्षमता को 100 गुना तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। छात्रों, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स को चिप डिज़ाइन को ‘रियल सिलिकॉन’ में बदलने की फैब्रिकेशन सुविधा मिलती रहेगी। आधुनिक विस्तार के लिए पंजाब सरकार से 25 एकड़ जमीन मांगी गई है। भारत में विश्वस्तरीय EDA टूल्स का इकोसिस्टम मंत्री ने कहा कि भारत कुछ चुनिंदा देशों में शामिल है जहां करीब 300 यूनिवर्सिटी के छात्र सरकार समर्थित EDA टूल्स के जरिए चिप डिजाइन कर रहे हैं। यह इकोसिस्टम दुनिया में अनोखा है। उन्होंने दोहराया कि SCL आने वाले समय में प्रतिभा विकास, नवाचार और स्टार्टअप्स के लिए प्रमुख केंद्र बना रहेगा। मंत्री वैष्णव ने कहा कि रणनीतिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता बेहद महत्वपूर्ण है। इसी के तहत CDAC, DRDO और अन्य संस्थानों का एक मजबूत कंसोर्टियम स्वदेशी चिप डिजाइन, उत्पाद विकास और मैन्युफैक्चरिंग पर काम करेगा।

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