अमेरिकी टेक कंपनी एपल भारत सरकार के उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है, जिसमें हर नए फोन में ‘संचार साथी’ एप इंस्टॉल करने को कहा गया है। मंगलवार (2 दिसंबर) को पीटीआई ने रिपोर्ट में बताया कि, एपल इस फैसले से सहमत नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह संचार साथी एप और पोर्टल यूजर्स के सिम कार्ड्स को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन एपल इसे प्राइवेसी में दखल मान रही है। कंपनी का कहना है कि, ‘आदेश पर सरकार के साथ बातचीत की जाएगी और बीच का रास्ता निकालेंगे। हम मौजूदा स्वरूप में आदेश लागू करने में सक्षम नहीं है।’ फ्रॉड रोकने का नया टूल मान रही सरकार सरकार का कहना है कि एप चोरी या गुम फोन ट्रैक करने, ब्लॉक करने और उनका गलत इस्तेमाल रोकने के काम आएगा। यानी साइबर फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी। संचार साथी एप की मदद से अब तक 7 लाख से ज्यादा गुम या चोरी हुए मोबाइल वापस मिल चुके हैं। आदेश में एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। इस एप को यूजर्स डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया जाएगा। एपल ने कहा- यूजर की प्राइवेसी पहली प्रायोरिटी रॉयटर्स के मुताबिक, कंपनी के एक प्रवक्ता ने रिपोर्ट में बताया, ‘हम यूजर प्राइवेसी को सबसे ऊपर रखते हैं। सरकार के इस डायरेक्टिव से iOS डिवाइसेस पर डेटा शेयरिंग की जरूरत पड़ेगी, जो हमारी पॉलिसी के खिलाफ है।’ एपल का तर्क है कि पोर्टल और एप से यूजर्स का पर्सनल डेटा, जैसे IMEI नंबर और कॉल हिस्ट्री, लीक होने का खतरा है। एपल अब सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चैलेंज करने की प्लानिंग कर रही है। कंपनी के वकीलों ने DoT को लेटर लिखा है, जिसमें आदेश को ‘अनरेशनल’ बताया है। एपल इंडिया के हेड ने इंटरनल मीटिंग में स्टाफ को आदेश दिया है कि कोई भी डेटा शेयर न करें। एपल की पॉलिसी क्या है? डेटा को लेकर पहले भी सरकार से हो चुका टकराव भारतीय बाजार में एपल की 9% हिस्सेदारी भारत में तेजी से बढ़ रही एपल की ग्रोथ एपल के लिए भारत लगातार महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है। मार्केट ट्रैकर IDC के अनुसार, 2025 में कंपनी देश में 15 करोड़ आईफोन बेच सकती है। इससे एपल का मार्केट शेयर पहली बार 10% से ऊपर जा सकता है। सितंबर तिमाही में एपल भारत का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन विक्रेता बना, जहां कंपनी ने लगभग 5 मिलियन यूनिट की बिक्री के साथ 25% सालाना वृद्धि दर्ज की। कुक ने हाल के कई एनालिस्ट कॉल में भारत को स्टैंडआउट मार्केट बताया है जहां कंपनी ने लगातार 15 तिमाहियों से रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया है। संचार साथी एप क्या है और कैसे काम करता है ये खबर भी पढ़ें… क्या संचार एप से जासूसी हो सकती है:सरकार ने इसे हर मोबाइल के लिए जरूरी किया; यह OTP पढ़ सकता है, बातचीत सुन सकता है कल्पना करें… किसी के पास ऐसा सीक्रेट वेपन हो कि वो जब चाहे आपके फोन में झांक सके। पर्सनल मैसेज के साथ बैंक OTP जैसे मैसेज पढ़ सके। जब चाहे आपकी बात सुन सकें। आपकी लोकेशन जान सके और आपके फोन में मौजूद फोटो-वीडियो देख सकें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ ऐसा ही हो सकता है संचार साथी मोबाइल एप से, जिसे सरकार ने हर मोबाइल पर इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। इस स्टोरी में जानेंगे कि संचार साथी मोबाइल एप क्या है? इसका विरोध क्यों हो रहा है? क्या इससे जासूसी की जा सकती है और क्या ये लोगों की प्राइवेसी पर हमला है? पूरी खबर पढ़ें…


