स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए तीन फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया। तीनों आरोपी डॉक्टर्स ने विदेश से एमबीबीएस कर FMGE का फर्जी सर्टिफिकेट लेकर इंडिया में इंटर्नशिप की। फिलहाल आरोपी डॉक्टर्स से एसओजी पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम डॉ. पीयूष कुमार त्रिवेदी निवासी प्रेम रूक्मणी दौसा, डॉ. शुभम गुर्जर निवासी खेरवाल दौसा और डॉ. देवेन्द्र सिंह गुर्जर निवासी खुरी कला दौसा है। एसओजी ने सूचना पर कार्रवाई को दिया अंजाम
एडीजी (एसओजी) विशाल बंसल ने बताया कि एसओजी को सूचना मिली कि डॉ. पीयूष कुमार त्रिवेदी निवासी दौसा ने FMGE परीक्षा में पास नहीं होने के बावजूद गैंग की मदद से फेक FMGE सर्टिफिकेट तैयार कराया। उसी के आधार पर NMC से इंटर्नशिप की अनुमति हासिल कर ली। इंटर्नशिप के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज करौली का आवंटन भी हो गया था। आरोपी डॉ. पीयूष ने साल-2020 में जॉर्जिया से किया था MBBS इसके बाद एसओजी ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी। जांच में सामने आया कि आरोपी डॉ. पीयूष ने साल-2020 में जॉर्जिया से MBBS किया था। भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए अनिवार्य FMGE परीक्षा को उसने साल-2022, 2023 और 2024 में तीन बार दिया। तीनों बार दी परीक्षा में वह फेल हो गया। आरोपी डॉ. पीयूष ने करौली मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप की पूरी उन्होंने बताया कि बार-बार असफल होने पर उसके परिचित डॉ. देवेन्द्र सिंह गुर्जर से कॉन्टैक्ट किया। देवेन्द्र ने अपने साथी डॉ. शुभम गुर्जर और अन्य लोगों के साथ मिलकर 16 लाख रुपए में फेक सर्टिफिकेट और NMC का रजिस्ट्रेशन दिलवा दिया। इसी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर पीयूष ने करौली मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप पूरी कर ली। जांच में सामने आए चौकाने वाले खुलासे
वहीं डॉ. शुभम गुर्जर ने भी FMGE के फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर राजीव गांधी हॉस्पिटल अलवर में इंटर्नशिप की। डॉ. देवेन्द्र सिंह गुर्जर ने इसी गिरोह के माध्यम से फर्जी सर्टिफिकेट लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेज दौसा से इंटर्नशिप पूरी की। एसओजी की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पेशेवर गिरोह बड़ी रकम लेकर विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स को फर्जी सर्टिफिकेट दिलवाने का काम करता है। एसओजी की ओर से FMGE का फेक सर्टिफिकेट तैयार करने वाले नेटवर्क, बिचौलिए और फेक डिग्री लेकर इंटरर्नशिप कर चुके अन्य डॉक्टर्स की पहचान की जा रही है।


