बलरामपुर जिले के कोदौरा गांव में जमीन फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है। आरोप है कि गांव के एक व्यक्ति ने राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से ग्रामीणों की 70 एकड़ पुस्तैनी जमीन फर्जी तरीके से अपने परिवार के नाम करवा ली। इस मामले के विरोध में कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने बैठक कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों का आरोप है कि कोदौरा गांव के ही एक व्यक्ति ने राजस्व विभाग से मिलीभगत कर करीब दो दर्जन से अधिक ग्रामीणों की लगभग 60 से 70 एकड़ जमीन अपने और अपने परिवार के नाम रजिस्ट्री करवा ली। इतना ही नहीं, राजस्व रिकॉर्ड से ग्रामीणों के नाम भी हटा दिए गए, जिससे उनका मालिकाना हक खत्म हो गया है। वनभूमि का फर्जी पट्टा तैयार करने का आरोप ग्रामीणों का कहना है कि फर्जीवाड़े के तहत कुछ वनभूमि का भी फर्जी पट्टा तैयार कर लिया गया है, जिस पर जांच की मांग उठाई गई है। ग्रामीणों के अनुसार, यह खेल कई सालों से जारी था और इसमें कुछ राजस्व कर्मचारियों की संलिप्तता की भी आशंका जताई जा रही है। स्थिति यह हो गई है कि कई ग्रामीणों के पास अब अपनी कोई जमीन नहीं बची है। 1 हफ्ते के अंदर जांच का आश्वासन मामले की सूचना मिलने पर राजपुर की तहसीलदार मौके पर पहुंचीं। उन्होंने पूरी घटना की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि एक हफ्ते के अंदर जांच पूरी कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और ग्रामीणों को न्याय दिलाया जाएगा।


