हिमाचल के मनाली में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस नेता लगातार केंद्र सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगाते हैं, जबकि हकीकत कुछ और है। ठाकुर ने विधानसभा में भाजपा विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को पिछले तीन वर्षों में लगभग 35 हजार करोड़ रुपए की भारी वित्तीय सहायता मिली है। यह राशि पंचायती राज विभागों से संबंधित प्रश्नों के उत्तर में स्वीकार की गई है। उन्होंने आंकड़ों का खुलासा करते हुए बताया कि वर्ष 2023-24 में हिमाचल को 16,591 करोड़ रुपए, वर्ष 2024-25 में 16,243 करोड़ रुपए और वर्ष 2025-26 में अब तक 724 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2025-26 के अंत तक यह राशि लगभग सत्रह हजार करोड़ तक पहुंच जाएगी। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग को भी तीन वर्षों में केंद्र से साढ़े चार हजार करोड़ रुपए मिले हैं। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने स्वयं स्वीकार किया है कि पिछले तीन वर्षों में हिमाचल को 20,000 करोड़ रुपए का जीएसटी मुआवजा भी केंद्र से प्राप्त हुआ है। आखिर कहां जा रहा है केंद्र से मिला पैसा : गोविंद ठाकुर गोविंद ठाकुर ने तीखे शब्दों में सवाल किया कि जब प्रदेश को केंद्र से इतनी बड़ी धनराशि मिल रही है, तो यह पैसा आखिर कहां जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़े हैं, विभिन्न योजनाओं के लिए बजट जारी नहीं हो रहा है, कर्मचारियों को समय पर भुगतान नहीं मिल रहा और सरकार हर साल हजारों करोड़ का नया कर्ज ले रही है। पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार की नीतियों और कार्यशैली ने प्रदेश को वित्तीय संकट के मुहाने पर ला खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुक्खू की लगातार केंद्र पर आरोप मढ़ने की प्रवृत्ति उनकी अपनी विफलताओं को छिपाने का एकमात्र साधन बन चुकी है।


