धौलपुर जिले से गुजर रही चंबल नदी इन दिनों विदेशी पक्षियों और जलीय जीवों से गुलजार है। सर्दी का मौसम शुरू होते ही हजारों किलोमीटर का सफर तय कर प्रवासी पक्षी यहां मछलियों का शिकार करने और प्रजनन के लिए पहुंच रहे हैं। इन पक्षियों में माइग्रेटरी बर्ड्स, इंडियन स्पॉट-बिल्ड डक, लिटिल टर्न, रडी शेल्डक और पेंटेड स्टॉर्क जैसी प्रजातियां शामिल हैं। देश के कोने-कोने से और विदेशों से भी पक्षी चंबल के वातावरण को अनुकूल पाकर यहां आते हैं। फरवरी में कर जाते है पलायन
बताया जा रहा है कि ये पक्षी चंबल में मछलियों का शिकार करने के साथ-साथ प्रजनन भी करते हैं। अमूमन ये पक्षी शिकार करने में माहिर होते हैं। प्रजनन के बाद वंश वृद्धि होने पर ये फरवरी महीने के बाद अपने मूल स्थानों की ओर पलायन कर जाते हैं। चंबल में केवल पक्षी ही नहीं, बल्कि घड़ियाल, मगरमच्छ, कछुए और डॉल्फिन जैसे जलीय जीव भी बड़ी संख्या में विचरण कर रहे हैं। धूप निकलने पर ये जलीय जीव चंबल के रेतीले घाटों पर चहलकदमी करते देखे जा सकते हैं। घड़ियाल और मगरमच्छी की संख्या बढ़ी
घड़ियाल और मगरमच्छ की प्रजाति में भी चंबल में भारी वंश वृद्धि देखी जा रही है। नदी में करीब 3000 घड़ियाल और लगभग 1500 मगरमच्छ मौजूद हैं। इनके अलावा, 96 डॉल्फिन समेत बड़ी तादाद में कछुए और अन्य जलीय जीव भी यहां डेरा डाले हुए हैं। घड़ियालों के नन्हे शावक विभिन्न घाटों पर उछल-कूद करते नजर आते हैं। पक्षी विशेषज्ञ मुन्ना लाल निषाद ने बताया कि चंबल नदी साफ-सुथरी होने के कारण जलीय जीव यहां स्वस्थ रहते हैं। भोजन के लिए मछलियां और अन्य जीव-जंतु भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। यही कारण है कि विदेशी पक्षी मेहमान प्रजनन और शिकार के उद्देश्य से चंबल पर पहुंचते हैं।


